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Tiles Exporter - Morbi
From ₹0 to Global Markets – A Chemical Exporter’s Real Journey
In this podcast, we meet Rahulbhai — the founder of EXAGO INDIA and EXELCEM DUBAI, a dreamer who has carried the passion to achieve something big since childhood.
Introduction
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रोलिंग थ्री टू वन एक्शन [संगीत]
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नमस्ते लिसनर्स वेलकम टू चाय विथ एक्सपोर्ट के एक्सपर्ट्स यह पॉडकास्ट उन बिज़नेस ओनर्स के लिए है जो एक्सपोर्ट में
0:13
ऑलरेडी सक्सेसफुल तो है लेकिन अब चाहते हैं ग्रोथ वि फास्ट स्मार्ट एंड टेक एनेबल सिस्टम इस पॉडकास्ट में हम नॉर्मली बात
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करते हैं उस बिज़नेस ओनर से जिन्होंने अपना एक्सपोर्ट बिज़नेस ऑलरेडी सक्सेसफुल वे पे
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प्रोसेस किया है लेकिन हम जानेंगे उन्होंने कैसे ये करा है क्या बेस्ट प्रैक्टिससेस यूज़ करते हैं कैसे लॉजिस्टिक
0:33
मैनेज करते हैं कैसे कंप्लायंसेस और डॉक्यूमेंटेशन मैनेज करते हैं 2016 में जब
What is Shipzy
0:38
डीमोनेटाइजेशन हुआ तब हमने आईटी कंपनी स्टार्ट की थी और 2023 में हमने Shipzy
0:46
स्टार्ट किया बेसिकली Shipzy एक सॉफ्टवेयर है जो एक्सपोर्टर्स के लिए डॉक्यूमेंटेशन
0:51
इन्वेंटरी प्रोडक्शन मैनेज करता है शॉर्टली एंड टू एंड जब से कस्टमर का आर्डर आता है तब से लेके बीआरसी क्लोज तक का
0:59
पूरा प्रोसेस करता है उसके बाद हमें लगा काफी एक्सपोर्टर से बात करके लगा कि
Masters of Export
1:04
इंडिया में जो एक्सपोर्टर्स है वो सेपरेटली साइलोस में वर्क करते हैं सबका अपना अलग-अलग बिजनेस प्रोसेस होता है सबकी
1:11
अलग-अलग बेस प्रैक्टिससेस होती है तो हमें काफी एक्सपोर्टर से बात करने के बाद हमने एक बुक लॉन्च करी जिसका नाम है मास्टर्स ऑफ़
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एक्सपोर्ट् यह बुक बेसिकली 100 ऑफ एक्सपोर्टर्स से
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इंटरेक्शन करने के बाद हमने लॉन्च की है इसमें काफी सारी बेस्ट प्रैक्टिससेस है
1:30
काफी सारे एक्सपोर्टर्स का सालों का एक्सपीरियंस इसमें हमने ऐड किया है और
Introduction of Mr. Rahul Varia
1:35
उसके बाद हमें लगा कि इंडियन एक्सपोर्टर को कैसे हेल्प की जाए या फिर जो नए
1:40
एक्सपोर्टर्स हैं जो नए आने वाली पीढ़ी है उसको कैसे हेल्प की जाए और जो एक्सिस्टिंग
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एक्सपोर्टर है जो चाइना और काफी कॉम्पिटिटिव कंट्रीज से कमट करते हैं उनको
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कैसे हेल्प की जाए तो तभी हमने लांच किया यह पॉडकास्ट चाइनीज एक्सपोर्ट के
1:57
एक्सपर्ट्स आज हम बात करने वाले हैं ऐसे एक्सपोर्टर से जिनकी शुरुआत ज़ीरो से हुई
2:03
है मतलब नथिंग से उनके इंडिया में भी कंपनी है और दुबई में भी कंपनी है तो हम
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जानेंगे कि कैसे वो अपना बिजनेस कर रहे हैं कैसे उन्होंने अपना पहला कस्टमर क्रैक
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किया बैंक में वो कैसे प्रोसेस करते हैं बैंकिंग वर्क कैसे करते हैं डॉक्यूमेंटेशन
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कैसे करते हैं टीम कैसे बनाई उन्होंने प्रोडक्ट संगीत चीजें हैं सप्लायर बायर जो
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भी अपने अदर जैसे कि जो अलग-अलग ट्रेड सोर्स है उसमें वो कैसे काम करते हैं यानी
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कि वो मैक्सिमाइज कैसे करते हैं क्योंकि जीरो से जो स्टार्ट करता है उसको हर एक चीज में मैक्सिमाइज करना पड़ता है उसका
2:41
रेवेन्यू वन में से वन आना ही चाहिए एटलीस्ट तो हम जानेंगे कि कैसे यह प्रोसेस
2:49
करी है आज हम मिल रहे हैं राहुल भाई वरिया से जो एक्सागो इंडिया एंड एक्सेल कैम दुबई
2:56
के ओनर है और सक्सेसफुली अपनी केमिकल कंपनी रन कर रहे हैं दो-दो कंट्रीज में
Childhood, Family, Education
3:02
वेलकम राहुल भाई हाउ आर यू गुड मॉर्निंग मुकेश जी हाउ आर यू आई एम गुड थैंक यू
3:07
थैंक यू सो मच आपने मौका दिया पॉडकास्ट में मैं थोड़ा एक्सपीरियंस शेयर करूंगा ताकि
3:13
लोगों को पता चले कि भाई कैसे एक्सपोर्ट्स में चालू करना है क्या कहां पे क्या
3:19
प्रॉब्लम्स आती है उसका सोल्युशन कैसे लाना है कौन सा प्रोडक्ट्स करना है लेट्स स्टार्ट
3:24
अब्सोलुटली सो हमारा अल्टीमेट टारगेट है कि इंडियन एक्सपोर्टर है वो चाइना से कमट
3:30
करें या फिर अदर कंट्रीज से कमट करें सो बेसिकली हम लोग जो भी सीक्रेट कोड्स है वो
3:35
शेयर करेंगे और राहुल भाई ने जो अपनी केमिकल इंडस्ट्री में जो वर्क किया है या फिर उनका जो भी एक्सपीरियंस है वो शेयर
3:42
करेंगे बिजनेस से पहले हम बात करते हैं आपका बचपन कैसा रहा बिजनेस से पहले बचपन
3:48
की अगर बात करें तो बचपन एक मिडिल क्लास फैमिली से स्टार्ट हुआ छोटी सी सिटी गोदरा में बोर्न एंड ब्रॉट अप हुए स्कूलिंग वहां
3:55
से खत्म किया इवन ग्रेजुएशन बीएससी केमिस्ट्री भी मैंने 2000 में गोदरा से
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किया बचपन में एकदम मिडिल क्लास फैमिली थी मम्मी पापा गवरमेंट टीचर थे पापा
4:06
अकाउंटेंट थे टू सिस्टर्स तो वही नॉर्मल स्कूलिंग चल रही थी बट स्कूलिंग
4:11
में मैं आई वास अ स्कोरर स्टूडेंट तो आई ऑलवेज टेक 90% से ज्यादा ही आता था अप टू
4:18
स्कूल में अच्छा खासा परफॉर्मेंस था थोड़ा सा मिडिल क्लास फैमिली के होने के
4:23
बावजूद थोड़ा सा स्ट्रगल था लाइफ में क्योंकि गवरमेंट में जॉब कर रहे हो तो
4:28
आपका इनकम बहुत लिमिटेड है तो आपको हर एक चीजें नहीं मिलती है लाइफ में तो यू हैव टू सैक्रिफाइस यू हैव टू मैनेज योर लाइफ
4:35
स्टाइल ऐसा नहीं है कि आज एक चीज चाहिए और वो आपको मिल गई वी हैव टू सैक्रिफाइस
4:41
बिकॉज़ मिडिल क्लास फैमिली से थे तो बचपन से सीखा है कि अगर कुछ चाहिए तो यू हैव
4:47
टू वर्क हार्ड अदरवाइज़ यू विल नॉट गेट और अब हमको अगर कुछ चाहिए तो वी हैव टू हमको
4:53
ही सोचना है कि हमको क्या चाहिए एंड वी हैव टू वर्क ऑन दैट एंड वी कैन गेट इट
4:59
इजीली आई थिंक वो एक टाइम था जब हमारे पास कोई ऑप्शन ही नहीं था वर्क हार्ड के सिवाय
5:05
कोई अदर ऑप्शन नहीं था तो राहुल भाई आपके मदर‑फादर के बारे में बताइए कहां कॉलेज और
5:12
आपका उस टाइम पे क्या प्लान था मदर वाज़ अ टीचर; राइट नाउ शी इज़ रिटायर्ड, पापा
5:17
अकाउंटेंट ऑफिसर थे स्टेट ट्रांसपोर्ट में; जब स्कूलिंग में थे तो भाई करना है तो
5:23
साइंस ग्रेजुएशन करना है, कॉमर्स‑आर्ट्स नहीं करना है क्योंकि साइंस में आगे बढ़ना था; फैमिली में ऐसा प्रेशर था कि आप साइंस
5:31
ग्रेजुएशन करो, फिर उसके बाद आप कोई भी जगह पे गवर्नमेंट जॉब ले लो, तो लाइफ सेटल
5:37
क्योंकि मम्मी टीचर, पापा टीचर, दादा टीचर—सब घर में टीचर्स थे, सबका गवर्नमेंट जॉब
5:43
था, तो सबकी मेंटालिटी एक ही थी कि भाई अगर आप गवर्नमेंट जॉब ले लोगे तो आपका लाइफ सेटल; अगर आप टीचर बन गए तो दो महीने का
5:52
छुट्टी मिलेगा, पीएफ मिलेगा, पेंशन मिलेगा—लाइफ इजीली कट जाएगी; सुबह 7:00 बजे जाओ
5:58
12:00 बजे घर पे—फुल सेफ्टी, फुल सेफ्टी। पढ़ाई खत्म करो, बीएससी करो, एमएससी करो
6:03
बीएड कर लो, फिर टीचर बन जाओ, प्रोफेसर बन जाओ। तो स्कूलिंग में ऐसा था कि चलो चालू
6:08
करते हैं; बट एक टाइम आता है जब आपको थोड़ा सा लाइफ में हर एक चीजें स्ट्रीमलाइन नहीं
6:14
होती है। तो अप टू 10th आई वास अ स्कोरर; 10th किया, 11th किया, 12th साइंस किया; तब तक तो
6:20
ठीक चल रहा था; फिर बारी आई कि अभी एडमिशन लेना है—कहां लेना है? तो डिप्लोमा करना है
6:25
नहीं करना है; मुझे दिमाग में था कि मुझे केमिस्ट्री करना है क्योंकि 12th तक केमिस्ट्री पढ़ा था, तो मुझे पता था कि
6:31
मुझे केमिस्ट्री अच्छा लगता है—आई विल डू केमिस्ट्री; वो बेंजीन अच्छे लगते हैं—हाँ, बेंजीन अच्छे लगते हैं—ताकि जो भी करना है
6:37
वह केमिस्ट्री से करना है; उसके आगे क्या करना है वो स्टेप‑बाय‑स्टेप हम लोग करेंगे। बीएससी में एडमिशन लिया; थोड़ा ओवर‑
6:44
प्रोटेक्टेड चाइल्ड था कि मेरा लड़का मेरे साथ होना चाहिए, वो कहीं जाना नहीं चाहिए; ठीक है, बीएससी किया—केमिस्ट्री किया
6:52
बीएससी में भी था ऑप्शन कि भाई बीएससी में माइक्रो कर लो या केमिस्ट्री कर लो; तो घर
6:57
में बोल रहे “तुम माइक्रो कर लो, माइक्रो कर लो, फिर अपना लैबोरेटरी खोल लो, फिर लाइफ सेटल”—या फिर कहीं पर जॉब कर लो हॉस्पिटल
7:05
में या कहीं पर; तो भी लाइफ सेटल। मैं और मेरी सिस्टर ट्विंस है—अच्छा, तो सिस्टर भी बीएससी कर रही है, मैं भी बीएससी कर रहा हूँ
7:12
साथ में कॉलेज में जाते थे, स्कूल में साथ में जाते थे; तो बोली “मेरे को तो माइक्रो करना है”—बोला “मुझे माइक्रो नहीं करना है”
7:18
क्योंकि स्कूलिंग में साथ में थे, कॉलेज में भी साथ में थे; तो बोला “तू माइक्रो कर ले, मुझे माइक्रो नहीं करना है”—तो
7:25
मैंने बीएससी केमिस्ट्री की; तो वहां से केमिकल की शुरुआत हुई कि भाई चलो
7:30
ग्रेजुएशन आपने केमिस्ट्री में किया है—तो दैट वाज़ द लाइफ फॉर चाइल्डहुड; के भाई बहुत
7:36
सारे ऑप्शन थे, बट एक दिमाग में थोड़ा सा क्लियर था कि फ्यूचर में कहां पे आगे बढ़ना है; आपका जो एक्सेक्ट एजुकेशन है—केमिकल और ...
Is a chemical degree necessary for chemical export?
7:44
आप अभी कर रहे हो केमिकल इंडस्ट्री में एक्सपोर्ट तो लिसनर्स के लिए क्या बता सकते हो कि क्या केमिकल एक्सपोर्ट्स के
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लिए केमिकल की डिग्री रिक्वायर्ड है केमिकल एक्सपोर्ट के लिए केमिकल की डिग्री रिक्वायर्ड है कि नहीं है देयर इज अ वेरी
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टिपिकल क्वेश्चन फर्स्ट ऑफ ऑल बट हां अगर आप क्या एक्सपोर्ट कर रहे हो वो प्रोडक्ट
8:03
का तो आपको नॉलेज होना चाहिए बिकॉज़ केमिकल में बहुत सारी चीजें होती है वो सिमिलर होती है अगर नाम भी देखोगे ना तो वो बहुत
8:10
सारे बहुत सिमिलर होते हैं पर वो प्रोडक्ट बहुत अलग होता है तो मैं केमिकल एक्सपोर्ट
8:16
के लिए सबको बोलना चाहता हूं पहले केमिकल का नॉलेज लो कि भाई तुमने अगर 10 प्रोडक्ट सिलेक्ट किए हैं कि मेरे को यह केमिकल्स
8:23
10 प्रोडक्ट करने हैं तो उसका सबसे पहले नॉलेज लो अगर आज मेरे ऑफिस में भी मैं कोई
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बंदा हायर करता हूं तो उसको एक महीना तो मैं बोलता हूं कि ये अपने प्रोडक्ट्स है तुम इसके बारे में पूरा थरोली पढ़ो ओके कि
8:36
भाई यह प्रोडक्ट कैसा होता है कैसा दिखता है पैकिंग कैसा होता है कहां पे यूज़ होता
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है एप्लीकेशन क्या होता है तो इट इज बेटर कि प्रोडक्ट का नॉलेज होना चाहिए अगर कल
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उठ के कुछ भी हुआ शिपमेंट में तो आपको नॉलेज होना चाहिए एसिड है तो बेसिक डालना है बेसिक है तो एसिड डालना है कहां पे
8:56
क्या करना है दैट इज मोस्ट और पर्टिक्यूलरी केमिकल में देखो हज़ार्डस वो प्रोसेस भी आती है कि आपको कंटेनर्स कैसे
9:03
चाहिए जो टैंक्स है वो कैसे चाहिए उसका थिकनेस और ये सब काफी टेंपरेचर स्टोरेज ये
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सब जो नॉन टेक पर्सन के लिए वो काफी कॉम्प्लिकेटेड है एंटर हो जाए उसके बाद तो इजी सब समझ में आता है तो इसीलिए आई थिंक
9:16
प्रोडक्ट नॉलेज एटलीस्ट होना चाहिए डिग्री हो या ना हो कोई मैटर नहीं करता लेकिन प्रोडक्ट नॉलेज होना चाहिए और अगर डिग्री
9:23
है तो प्रोडक्ट नॉलेज इजीली कैप्चर कर सकते हो क्योंकि वो प्रोडक्ट आपके लिए नए
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नहीं है क्योंकि अगर आपके पास केमिस्ट्री का बैकग्राउंड है तो आपने वो प्रोडक्ट कहीं ना कहीं तो पढ़े हैं बैक ऑफ द माइंड
9:34
वो प्रोडक्ट है आपके पास फिर आपको पता होना चाहिए एमएसडीएस क्या होता है सीएस नंबर क्या होता है एचएस कोड क्या है एचएस
9:41
कोड तो नॉर्मली सब में होता है पर सीएस नंबर क्या होता है एमएसडीएस कैसे पढ़ना होता है उसमें कौन से पॉइंट पे क्या चीजें
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देखनी होती है जैसे 14 पॉइंट पे सब इसकी डिटेल्स होती है भाई क्लास कौन सा है एज
9:54
एड्रेस क्लास कौन सा है पैकिंग ग्रुप कौन सा है यूएन नंबर किसको बोलते हैं आईआईपी सर्टिफिकेट किसको बोलते हैं दैट ऑल थिंग
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हैज़ टू बी नोन ऐसा नहीं होना चाहिए कि आज मैंने केमिकल ले लिया और मैंने एक्सपोर्ट कर दिया नॉट पॉसिबल करेक्ट सो
10:08
राहुल भाई प्री एक्सागो की आपकी जर्नी कैसी रही मतलब आपने कंपनी स्टार्ट की उससे
10:13
पहले क्या प्लान था जैसे आप ग्रेजुएट हो गए उसके बाद और एक्सागो से पहले क्या
10:20
प्लान था आपका बीएससी केमिस्ट्री करने के बाद फैमिली से प्रेशर था एमएससी कर लो क्योंकि
10:26
अगर तुमने बीएससी केमिस्ट्री पे फर्स्ट क्लास लाए हो तो तुमको एमएससी में एडमिशन मिल जाएगा फिर बीएड कर लो टीचर बन मुझे
10:33
था कि मुझे गवरमेंट जॉब तो पहली करनी ही नहीं है मुझे लाइफ में नहीं चाहिए कि
10:38
मैं सेटिस्फाइड हूं अगर मैंने एक बार सोच लिया कि आई एम सेटिस्फाइड तो ग्रोथ वहीं
10:43
पर जीरो आपका ग्रोथ होगा ही नहीं सो लाइफ में ऑलवेज बी अनसटिस्फाइड टू द थिंग्स
10:49
व्हिच यू वांट एक्चुअली अगर आपने कहीं पे भी सेटिस्फेक्शन ला दिया मींस वो चीज आपके लिए खत्म हो गई वहां पे तो बीएससी करने के
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बाद मैंने बोला कि नहीं अभी आगे बढ़ना है खुद का कुछ करना है पर खुद का करने के लिए अपने पास पैसा तो था नहीं कि भाई चलो आज
11:03
बीएससी कर लिया एमएससी कर लिया खुद कुछ चालू कर दिया और उस टाइम पे कोई एंटरप्रेन्योर जैसा वर्ड नहीं था कोई आपको
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सपोर्ट करने वाला नहीं था फैमिली में किसी के पास कोई बिजनेस का बैकग्राउंड नहीं था तो मैंने सोचा अगर बिज़नेस करना है तो
11:16
तुमको पढ़ना पड़ेगा कि हाउ टू डू द बिज़नेस तो मैंने सोचा एमबीए करते हैं एमबीए करना
11:22
है क्योंकि नया नया 2003 में मैंने बीएससी किया तो 2003 में एमबीए वेरी न्यू अर्ली 10 साल हुआ होगा एमबीए को सो एवरीवन
11:29
वाज़ नॉट अवेयर फॉर द एमबीए तो मैंने सोचा एमबीए करना है और एमबीए किस में करना है
11:35
तो इंटरनेशनल बिज़नेस में करना है बिकॉज़ तुमको एक्सपोर्ट्स करना है केमिस्ट्री करना है सब बड़ी-बड़ी चीजें करनी है तो
11:41
तुमको बड़ा-बड़ा ही पढ़ना पड़ेगा तो मैंने रिसर्च किया कि भाई एमबीए कहां से इंटरनेशनल बिजनेस में होता है दैट टाइम
11:46
इंटरनेशनल बिजनेस सब्जेक्ट वाज़ वेरी न्यू फ्यू कॉलेजेस वेयर स्टडिंग दैट सब्जेक्ट
11:52
इंटरनेशनल बिज़नेस तो मैंने पुणे से देखा कि पुणे में एक कॉलेज है जो इंटरनेशनल बिजनेस में एमबीए आपको दे रही है
12:00
सर्टिफिकेशन मैंने फिर वहां गया पापा को लेके गया पापा अभी भी बोल रहे हैं नहीं तुम बीएससी कर लो एमबीए एमबीए के चक्कर
12:06
में मत पड़ो क्योंकि दैट वाज़ टू एक्सपेंसिव इन द ईयर ऑफ़ 2003 टू 2005 एमबीए करना में
12:14
इट वास टू एक्सपेंसिव एमएससी कर लो एमएससी कर लो तुम घर में ही बैठोगे गोधरा से कॉलेज में एमएससी करोगे घर से खा के जाओगे
12:21
खा के वापस आओ फिर बीएड करो और सेट फिर बीएड करो टीचर बन जाओ प्रोफेसर बन जाओ तो
12:26
बोला कि ठीक है मैंने बोला एक बार चलो तो सही देखते हैं फिर देखा कि सर फीस बहुत ज्यादा है पुणे में रहने का खर्चा खाने
12:33
पीने का खर्चा दैट इज आल्सो डिफरेंट थिंग फिर पापा बोले ठीक है तुमको एमबीए करना है तुम करो मैं सपोर्ट करता हूं तो पीएफ
12:41
उठाया कहीं से लोन लिया जैसे तैसे करके पैसे इकट्ठे किए और बोला कि ठीक है मैं
12:48
इन्वेस्ट करूंगा तुमको करना है तो तुम करो तो मैंने पुणे से एमबीए किया इंटरनेशनल बिजनेस में इन 2005 दैट टाइम इंटरनेशनल
12:55
बिनेस वास वेरी न्यू उसमें आपको एक्सपोर्ट सिखाएंगे इंपोर्ट सिखाएंगे डॉक्यूमेंटेशन
13:01
लॉजिस्टिक्स प्रोसीजर जो भी एक्सपोर्ट के रिलेटेड है वो सब सब्जेक्ट आएगा इंटरनेशनल मार्केटिंग कैसे करना है कस्टमर्स कैसे
13:08
ढूंढने है बट उस टाइम टाइम पे इंटरनेट इतना फेमस नहीं था हम लोग वो साइबर कैफे
13:14
में जाते थे ₹10 में वो पॉइंट एमबी की स्पीड पे हम लोग काम करते थे तो दैट टाइम दैट वाज़ अ डिफरेंट सिनेरियो इंटरनेशनल
13:20
मार्केटिंग वाज़ अ डिफरेंट सिनेरियो कौन सा ईयर था वो दैट वास 2005 तो एमबीए मैंने किया 2003 टू 2005 में
13:28
तो उस टाइम पे इंटरनेट इतना फेमस नहीं था...
15:09
पहले की बात क्योंकि एमबी अभी खत्म करने को आया है और कुछ ना कुछ जिंदगी में स्टार्ट करना है...
15:20
प्लेसमेंट नहीं हो रहा है क्यों? गुजराती मीडियम से पढ़ा हुआ है...
16:13
एग्जीक्यूटिव लेवल पे कूरियर कंपनी में जॉब लिया ₹5000 सैलरी में...
17:41
जब एग्जाम देने के लिए गया तो वो दो महीने का सैलरी नहीं मिला...
18:35
नहीं मिला था अभी था घर पर स्ट्रगल टाइम जॉब ढूंढने का फिर से...
19:41
लॉजिस्टिक कंपनी में छोटी सी कंपनी थी जोइन किया ₹5500 सैलरी में और वहां से सीखा...
19:59
साल सीएफएस में जाओ पोर्ट पे जाओ तो बेसिकली मैंने दो साल 2006 टू 2008 तक
20:06
मैंने लॉजिस्टिक्स कंपनी में जॉब किया कोई लर्निंग हो गई वो पूरा बेसिक क्लियर हो
20:11
गया अभी दो साल में कि भाई एक्सपोर्ट का प्रोसीजर के लिए लॉजिस्टिक्स में क्या-क्या करना होता है डॉक्यूमेंटेशन
20:17
होता है जब लगा कि नहीं लॉजिस्टिक्स में अभी अपने पास अच्छा खासा नॉलेज हो गया है फिर मैं गया एक्सपोर्टर के वहां जॉब करने
20:24
के लिए इन 2008 अहमदाबाद के बहुत बड़े एक्सपोर्टर के वहां पे मुझे अपॉर्चुनिटी मिला तो मैं वहां पर गया कि भाई वहां पर
20:31
करना है लॉजिस्टिक्स एंड इंटरनेशनल मार्केटिंग तो एक्सपोर्टर के वहां पर मैंने 5 साल जॉब किया मैन्युफैक्चरर था तो
20:39
दैट वाज़ वैरी बिग कंपनी वहां पे पांच साल काम किया 5 साल वही मोनोटोनस जॉब है के तुमको
20:45
इंटरनेशनल मार्केटिंग करना है यह पांच प्रोडक्ट है या 10 प्रोडक्ट है तुमको बेचना है इसका प्राइस फिक्स है सेल करना
20:52
सीख लिया 5 साल में कि भाई कैसे इंटरनेशनल मार्केट में कार को बेचते हैं कस्टमर को
20:58
कैसे पिच करते हैं वो सब सीख लिया फिर सोचा कि चलो अभी मैन्युफैक्चरिंग अच्छा खासा हो गया है पर मोनोटोनस जॉब है तुमको
21:05
और कुछ आता नहीं है लॉजिस्टिक्स आ रहा है इंटरनेशनल मार्केटिंग आ रहा है तुमको नहीं परचेस आ रहा है नहीं नई डॉक्यूमेंटेशन आ
21:10
रहा है कुछ नहीं आ रहा है तो 2010 11 में आई हैव टू टेक अ बिग डिसीजन कि बड़ी
21:17
कंपनी छोड़ो और कोई छोटी सी कंपनी जॉइ करो जहां पे तुमको ज्यादा एक्सपोज़र मिले
21:22
करेक्ट सब फैमिली में ऐसा बोल रहे है कि क्यों इतनी छोटी कंपनी में जा रहे अभी किस-किस को समझाने का कि क्यों जा रहा
21:29
है अपने दिमाग में बैक साइड तो क्या चल रहा है अपने को ही पता है तो सोचा कि चलो नहीं करना तो है तभी छोटी कंपनी में ही
21:35
सीखने को मिलेगा यू हैव टू गो विद स्माल कंपनी वेयर यू यू लर्न एवरीथिंग परचेस
21:41
कैसे होता है डॉक्यूमेंटेशन कैसे होता है बैंकिंग कैसे होता है बैंकिंग का प्रोसीजर कैसे होता है सप्लायर से कैसे बात करते हो
21:48
सप्लायर कैसे ढूंढते हो दैट थिंग एक्सपोर्टर के वहां से जॉब खत्म किया फिर
21:54
सोचा ट्रेनिंग में जाते हैं छोटी सी कंपनी जोइन की केमिकल्स एक्सपोर्टर जो कंपनी
21:59
लोकली केमिकल खरीदते हैं खुद एक्सपोर्ट करती है छोटी सी कंपनी में जोइन किया मींस आपको सब करना है नया प्रोडक्ट भी आप
22:07
लाओ उसको इंप्लीमेंट भी आप करो आप ही उसके कस्टमर ढूंढो आप ही उसके सप्लायर ढूंढो और
22:14
आप ही बेचो और आपके ही पैसे लेके आओ तो वो छोटी सी कंपनी में ये चीज हो गई कि मुझे
22:20
सब सीखने को मिल रहा है कि नई-नई प्रोडक्ट कैसे परचेस करेंगे नए सप्लायर कैसे ढूंढेंगे सप्लायर फ्रॉम इंडिया सप्लायर
22:27
फ्रॉम चाइना रशिया कोरिया ताइवान वहां से सप्लायर ढूंढ के लेके आओ नई-नई प्रोडक्ट
22:33
डेवलप करो क्योंकि जब मैंने वो कंपनी जोइन किया था दैट दे वर डूइंग अर्ली थ्री फोर प्रोडक्ट्स हाइड्रोक्लोरिक हो
22:39
गया सल्फ्यूरिक हो गया कॉस्टिक हो गया वो सब चीजें कर रही थी तो मैंने सोचा चलो नया करते हैं तो जो नई चीजें मैंने बहुत सारी
22:47
लगभग कम से कम 25 नए प्रोडक्ट ऐड किए वो फर्म में के वही प्रोडक्ट डेवलप किए उसका
22:53
मैन्युफैक्चरर ढूंढे उसके एक्सपोर्टर इसके बायरर्स ढूंढे उसका एक्सपोर्ट्स किया डॉक्यूमेंटेशन स्ट्रीमलाइन किया सब कुछ
23:00
स्ट्रीमलाइन कर रहा है तो वहीं से सीखा कि नई प्रोडक्ट के लिए कहां जाने का है किस कैसे अप्रोच सप्लायर को करना है प्राइसिंग
23:07
रेंज क्या होता है कौन सा मार्केट टारगेट करना है क्योंकि जरूरी नहीं कि यह
23:13
प्रोडक्ट अगर हम लोग इंडिया में बना रहे हैं तो वह हर एक मार्केट में जाएगा उसके पर्टिकुलर सेगमेंट के हिसाब से मार्केट्स
23:19
फिक्स है जैसे कोई चीज चाइना में बन रही है वो इंडिया में बन रही है तो चाइना से वियतनाम में एक्सपोर्ट करना इजी है बिकॉज़
23:26
ऑफ ट्रेड पॉलिसीज पर इंडिया से वही चीजें सेम अगर कम प्राइस में भी बेचोगे वो नहीं जाएगी बिकॉज़ उनका ड्यूटी स्ट्रक्चर ऐसा
23:32
होता है कि अगर चाइना से इंपोर्ट करोगे तो जीरो ड्यूटी इंडिया से किया तो 20% ड्यूटी तो वो सब चीजें सीखें कि भाई कौन सी
23:39
प्रोडक्ट के लिए कौन सा मार्केट टारगेट करना है और कौन सी प्रोडक्ट आपको डेवलप करनी है डॉक्यूमेंटेशन कैसे करने हैं हैज़
23:45
के डॉक्यूमेंटेशन कैसे करने हैं शिपिंग लाइन से कैसे अप्रूवल लेना है हैज़ का नॉन हैज़ का हैज़ है तो कौन-कौन सा पैकिंग जाएगा
23:52
यूएन अप्रूव्ड पैकिंग कैसे लेना है दैट लर्न इन टू द ट्रेडिंग फर्म वहां पे मैंने
23:59
कम से कम 8 से 9 साल जॉब किए पर वो भी दिन स्ट्रगल किए क्योंकि 9:00 बजे पंचिंग करना
24:04
है छोटी सी कंपनी में यू हैव टू स्टे अप टू 8 ओ क्लॉक तो मुझे याद नहीं है मैंने
24:11
कभी भी इवनिंग का एटमॉस्फियर बाहर देखा हो क्योंकि 9:00 बजे ऑफिस में गए तो वो शाम
24:17
को 8 ही बज रहे हर रोज बॉस बोलेगा अगर 6:30 को गए तो क्यों जा रहे हो 6:30 को
24:22
अभी तो टाइम है 8-9 साल तो वही काम किया है बस जम के ना ही छुट्टी लेना है कुछ
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नहीं तो छोटी सी कंपनी में आपको सीखने को भी मिल रहा है बट सामने आपको सैक्रिफाइस भी उतना ही करना पड़ता है बड़ी सी कंपनी
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में क्या है आप नहीं आए तो किसी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है आपने पांच दिन छुट्टी मारा 10 दिन छुट्टी मारा छोटी
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कंपनी में अगर आप एक दिन नहीं आ रहे हो तो आपका काम आपको ही करना है अगर आपने छोड़ दिया तो वो कोई नहीं करेगा मैंने जब
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मैकेनिकल कंप्लीट किया हम उसके बाद मैंने दो साल मैन्युफैक्चरिंग में जॉब की हम
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राजकोट में तो उस टाइम पे राजकोट में टाइम रहता था 8 टू 8 12 आवर्स शिफ्ट रहती थी और
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हम लोग 12 ऑवर से भी ज्यादा करते थे क्योंकि यंग थे कोई अदर कोई वर्क था नहीं
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तो जो भी फैक्ट्री में अगर पूरी रात रखो तो कोई प्रॉब्लम नहीं है संडे बोला नो प्रॉब्लम वीकेंड वीकेंड कुछ प्रॉब्लम नहीं
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था बेसिक टारगेट था कि कुछ ना कुछ सीखना है हां सही है और बस जीरो पे थे तो सीखना
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ही है उस टाइम पे हमारे पास क्या था टाइम टाइम हां हां हार्ड वर्क एंड टाइम जो डेडिकेशन है और थोड़ा दिमाग ओपन रखना है ये
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12 आवर प्लस दोती घंटे एवरीडे एवरीडे और फिर जब आप दो-तीन घंटे रुकते हो ना तो
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मैनेजर भी आपको अकेले मिलता है हां तो वो एक अलग लर्निंग मिलती है जो रुकते हैं उसको पता है कि ओनर भी इवनिंग में खुल के
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बात करता है मैनेजर भी खुल के बात करता है सही है तो वो चीज़ जो नहीं रुकते उनको नहीं
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पता है नहीं पता जो कट टू कट जॉब वाले हैं उनको फिर लर्निंग में वही प्रॉब्लम आता है
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हम सही सो राहुल भाई नेक्स्ट फिर आपने ये एक स्मॉल फॉर्म में जॉब की उसके बाद फिर
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एक्सागो के बीच में कुछ और किया या फिर कैसे स्टार्ट किया अभी ट्रेडिंग में काम
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कर रहे हैं पर क्या है वो भी वहां पे भी सेचुरेशन पॉइंट है धीरे-धीरे काम बढ़ेगा
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प्रेशर बढ़ेगा अगर प्रॉब्लम हो रहा है तो उसका सोल्युशन भी आपको खुद को ही लाना है नो वन
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इज़ गोइंग टू हेल्प यू आपका बॉस भी आपको बोलेगा नहीं तुमने यह सब बूफ अप किया है यू हैव टू सॉल्व इट इट इज नॉट माय बिजनेस
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बोलता है धंधा मेरा है बट यह तुमने किया है ना तो यू हैव टू डू इट प्रॉब्लम आ रहा है तो भी सशन ला रहा है अच्छी चीजें भी
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डेवलप कर रहे हैं तो एप्रिसिएशन नहीं मिल रहा है स्यूशन ला रहे हो तो एप्रिसिएशन नहीं मिल रहा है तो वो एक सेचुरेशन पॉइंट
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आ गया 8 9 साल बाद कि भाई अभी नहीं होगा जॉब अभी नहीं होगा बट हां मेंटली रेडी थे
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कि भाई अपने को सब आता है तो अभी कर सकते हैं कि भाई अपना खुद का स्टार्ट कर सकते
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हैं तो पर अपने पास इतना फाइनेंस कुछ था नहीं उस टाइम पर सिर्फ दो ही चीजें थी
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अपनी एक तो टाइम था जो नौकरी छोड़ने के बाद सबके पास होता है तो अपने पास खर्च
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करने के लिए दो चीजें थी एक टाइम था स्पेंड करने के लिए और दूसरे रिलेशन थे पैसे हैं नहीं बिजनेस करने के तो सोचा कि
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चलो रिलेशन अपने है अपने पास अगर जॉब छोड़ेंगे तो अपने पास टाइम भी हम लोग खुद के बिजनेस को थोड़ा सा टाइम भी दे पाएंगे
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तो कर लेंगे तो 2019 में सबसे हार्ड डिसीजन लिया इन मार्च मंथ के भाई अभी जॉब
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छोड़ दो और खुद का कुछ ना कुछ स्टार्ट करो तो वहीं से
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2019 में एक्सागो का स्टार्ट हुआ तो 2019 में ड्रॉप आउट किया कि भ मुझे अभी जॉब
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नहीं करनी है तो मैं छोड़ रहा हूं तो वास बोलता है ठीक है जाओ कोई प्रॉब्लम नहीं
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बोस ने बोला कहां जा रहे हो मैंने बोला मेरे पास अभी जॉब नहीं है मैं ढूंढूंगा या कुछ ना कुछ करूंगा बोलता है ठीक है जाओ
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वहां से छोड़ा फिर उसके बाद 2019 में जब एक्सागो स्टार्ट किया
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तब अपने पास फाइनेंसियल बैकअप नहीं था अपने पास लोन थी बहुत सारी कि भाई ये लोन
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है घर का लोन है ये वो है थोड़ा बहुत सेविंग था घर पे तो बोल दिया अभी नौकरी
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छोड़ दी अभी खुद का करना है तो एवरीबडी वास इन शॉक कि भाई क्या करेंगे खुद का
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करना है मींस क्या करना है तुम्हारा कुछ क्लियर है हां ठीक है देखते हैं फिर 2019 में जब जॉब छोड़ा तो सबसे पहला काम
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क्या किया सबसे पहला काम ये किया जितना पैसा था छोटा बहुत जो जितना भी सेविंग था
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वो सब उठा के लोन खत्म सब करि कि जितने भी लोन है अपने वो सब खत्म करो इसको तो
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अपने को बर्डन नहीं चाहिए तो 2019 में छोड़ा फिर बोला कि चलो काम
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करते हैं तो पहले सबसे पहले लोन खत्म किया सब क्योंकि अपने को बर्डन नहीं चाहिए एक हेडेक तो अपने पास है कि भाई जॉब नहीं है
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घर चलाना है पर दूसरा एक हेडेक नहीं है कि भाई अपने को ईएमआई भरने है ईएमआई तो जीरो हो गए तो सब इकट्ठा करके जितना भी
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सेविंग्स था वो सब उठा के सबसे पहले सब लोन जीरो कर दिया भाई अगर बिजनेस नहीं भी
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होगा तो एक साल के लिए अपने पास घर में आटा दाल चावल तो पड़े हुए हैं तो एक साल तो सर्वाइव कर लेंगे आराम से कोई प्रॉब्लम
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नहीं आएगा सपोर्ट मिला फैमिली का भी वाइफ का सपोर्ट था कि नहीं आप करो मुझे पता है आप कर पाओगे आप जॉब छोड़ दो पैसे नहीं
29:00
आएंगे तो कुछ ना कुछ हम लोग मैनेज कर लेंगे और आई थिंक लोन्स नहीं होते तो थोड़ा क्लेरिटी भी होता है अगर लोन्स होते
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तो अल्टरनेटिव फाइंड करना पड़ता है कि अभी नेक्स्ट मंथ के लिए क्या करूं लेकिन अगर आप लोन्स नहीं है तो आप क्लियर हो कि मेरे
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को जो टारगेट है वही उस पे ही काम करना है तो सबको मैं वही बोलता हूं कि लोन ऐसी चीज
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है ना जो आप लोगे ना तो वो फिर आप वही साइकिल में फंसे रहो तो वो सबसे पहली चीज
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होती है जो आपको जॉब ड्रॉप नहीं करने देगा अगर आपका सैलरी ₹2 लाख ₹ 3लाख या ₹ 5 लाख पे
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पहुंच गए तो आपके लोन भी उतना ही बड़ा होगा फिर वहां से निकलना नेक्स्ट टू इम्पॉसिबल सो सबको मैं बोलता हूं अगर बिज़नेस
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भी कर रहा है तो लोन थोड़ा कम रख आई थिंक ये जो नए एक्सपोर्टर्स है उनके लिए
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स्पेशली है कि आप अभी उस स्टेज पे हो कि क्या करना है क्या नहीं करना है एक्सपोर्ट
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करूं तो क्या करूं कौन सी प्रोडक्ट करूं लेकिन उससे पहले इम्पोर्टेन्ट है कि लोन ना लो आप ताकि कुछ ना कुछ तो आप कर पाओ या
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फिर आपका जो वेटिंग टाइम है जो फर्स्ट कस्टमर का टाइम है उस टाइम पे आप एटलीस्ट सर्वाइव कर पाओ सर्वाइव कर तो आपका क्या
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दिमाग में एक थोड़ा सा टेंशन कम रहेगा कि भ किसी को पैसा देना नहीं है अपने को
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सिर्फ कमाना है बस वही था कि भाई अपने पास दो ही चीजें थी एक तो टाइम और एक थे रिलेशन फैमिली से सपोर्ट मिल गया वाइफ से
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सपोर्ट मिल गया नहीं आप करो कोई प्रॉब्लम नहीं है कुछ ना कुछ करके हम लोग कर लेंगे और शी नोस कि भाई कर लेंगे ये कुछ ना कुछ
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क्योंकि अब तक इतने सारे स्कोरर रहे पढ़ने में रहे अगर काम भी अच्छा कर रहे थे ऑफिस
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में भी अच्छा काम कर रहे थे इंक्रीमेंट अच्छा आ रहे थे तो कुछ ना कुछ तो कर लेंगे तो 2019 में जब स्टार्ट किया तो बस वही
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सबसे रिलेशन थे तो सबको पिच करना स्टार्ट किया कि सर पुराना जॉब छोड़ दिया अभी मेरे लिए कुछ काम लेके आओ रिलेशन सबसे
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पहले आ गया है तो रिलेशन विद कस्टमर्स और रिलेशंस विद सप्लायर बिकॉज़ मेरे रिलेशन
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सबके साथ इतने अच्छे थे ना तो सप्लायर बोलते हैं राहुल भाई आप स्टार्ट करो आप मेरे को पैसा मत देना जब आपके पास आएंगे
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तब आप मेरे को पैसा देना और बायर ऐसा बोल रहा है कि ठीक है तुम को पैसा चाहिए मैं
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पैसा देता हूं तुम मटेरियल भेजो आई थिंक वो एक फेस वैल्यू होता है तो सब कस्टमर हमको मेरे को जानते थे फेस टू फेस जानते हैं कि और मेरा नेचर भी सबको पता है कि ये बंदा अगर बोलेगा ना तो वो करेगा कुछ भी हो जाए वो अपना कमिटमेंट पूरा करेगा एंड इसके पास नॉलेज भी है तो वो कोई टेंशन का नहीं।
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तो 2019 में बोला कि चलो कमीशन पे काम करना शुरू करते हैं। तो 2019 में एक्सागो से हमने पहले कमीशन पे स्टार्ट किया। दिस हाउ वी स्टार्टेड एक्सागो।
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सो कमीशन से आपने स्टार्ट किया और आई थिंक 2019 से पहले भी आपका काफी सारा एक्सपीरियंस रहा अलग-अलग प्रोडक्ट्स को लेके।
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तो क्या आपको लगता है कि अगर किसी को एक्सपोर्ट करना है और स्पेशली अगर केमिकल की बात करें, तो डिग्री हो या नहीं हो, नॉलेज हो या नहीं हो, फाइनेंस अलग चीज है — क्या बेस्ट ऑप्शन रहेगा?
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अगर किसी को लग रहा है कि एक्सपोर्ट्स में काम करना है तो सबसे पहले ये ढूंढो कि तुम्हारी एक्सपर्टीज क्या है। दूसरा, कौन सपोर्ट करेगा — जैसे अगर राजकोट में हो तो वहां इंजीनियरिंग कंपनीज़ हैं।
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अगर कोई मुंद्रा के आसपास बैठता है तो ग्रेन्स, पल्ससेस, ऑयल्स जैसे कैस्टर ऑयल के प्रोडक्ट्स हैं। तो पहले पांच-छह चीजें आइडेंटिफाई करो और उन पर काम करो, चाहे छोटी हो या बड़ी प्रोडक्ट, पहले सपोर्ट देखो।
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दूसरा स्टेप: मार्केट ढूंढो। आज सुई से लेकर जहाज तक एक्सपोर्ट हो रहा है। थोड़ा रिसर्च करो, मार्केट कहाँ है, डाटा इज़ अवेलेबल।
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चिकन की तरह इधर-उधर भागोगे तो नहीं हो पाएगा। आपको जो इनर स्ट्रेंथ है, जो आपके आसपास है, उसे समझो।
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तुम गुजरात में हो, गुजराती आती है, राजकोट में हो, मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स हैं। वही पॉजिटिव फैक्टर है। केरला वाले सोचते हैं कि काश हम गुजरात में होते।
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अगर आप गुजराती हो तो इंटरनेशनल मार्केट में बहुत कुछ आसान हो जाता है। अफ्रीका, मिडिल ईस्ट में गुजराती स्पीकिंग लोग मिलेंगे। इसे स्ट्रेंथ की तरह यूज़ करो।
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हमारे प्रोडक्ट लाइन में 25+ प्रोडक्ट्स हैं — पेंट केमिकल्स, माइनिंग केमिकल्स (कॉस्टिक, HCL, सल्फ्यूरिक, साइनाइड्स), वॉटर ट्रीटमेंट, कैस्टर ऑयल डेरिवेटिव्स, बेसिक केमिकल्स, फूड इंग्रेडिएंट्स (स्टार्च, ग्लूकोस), फार्मा (सर्बिटॉल, अमीनोक्सिडिल) शामिल हैं।
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हमारा एक्सपोर्ट 20-30 देशों में हो रहा है — लैटिन अमेरिका, ईस्ट/वेस्ट अफ्रीका (केन्या, नाइजीरिया, डरबन), मिडिल ईस्ट (दुबई), ताइवान, चाइना, जॉर्डन, इजिप्ट।
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लैंग्वेज नए लोगों को प्रॉब्लम लगती है, पर असली मैटर क्या करता है — क्वालिटी, सर्विस या कम्युनिकेशन?
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सबसे पहले कम्युनिकेशन: ईमेल हो या कॉल — प्रोडक्ट, पैकिंग, क्वांटिटी, प्राइस सब क्लियर बताना चाहिए।
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अगर आपको प्रोडक्ट का पता है तो इंस्टेंट आंसर दे सकते हो। उतना जल्दी और स्पेसिफिक आंसर दोगे तो फर्स्ट इंप्रेशन अच्छा बनेगा।
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एसओपी को फॉलो करना जरूरी है।
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तीसरा — क्वालिटी: अगर आपने क्वालिटी सही नहीं दी तो सब मेहनत बेकार। कस्टमर के पास कई सप्लायर्स होते हैं — वो वहीं जाएगा जहां कम हेडेक हो।
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हर बिज़नेस में एक मोमेंट होता है। राहुल भाई, एक्सागो में ऐसा कौन सा मोमेंट था जब आपको लगा "क्या हो गया?"