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Tiles Exporter - Morbi
He Built a ₹120 Cr Dehydrated Food Export Business | Ft. Divyesh Senta | Export Software Part 2
This episode dives into the dehydrated‑food market with entrepreneur Divyesh Senta. Learn what it takes to scale from a local plant to supplying 48 countries.
Introduction
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[संगीत] नमस्ते लिसनर्स वेलकम टू चाय विथ एक्सपोर्ट
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के एक्सपर्ट। आपका बचपन कैसा रहा? मैं एक मिडिल क्लास फैमिली से हूं।
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ये डिहाइड्रेट इंडस्ट्री क्या है? बचपन में एक न्यूज़पेपर आया करता था
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उसमें आता था कि सचिन तेंदुलकर का पिताजी भी बताया करते थे धीरूभाई ने जीरो में से ये किया। आपका जो
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ट्रेडिंग बिजनेस है वहां से डिलीशियस फूड आपने कैसे स्टार्ट किया?
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आप काफी सारे कंट्री में रेगुलर विजिट करते हो। ऑलमोस्ट सारे एग्बिशन अटेंड करते
Learning from Global Exhibitions
0:42
हो तो जब इंटरनेशनलली आप ट्रैवल करते हो तो आप आपको एज ए बिजनेस ओनर क्या बेस्ट
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सीखने को मिलता है अदर कंट्रीज से? पहली बात तो मैं बोलूं कि मैंने जो मेजर किया
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है मैं करीबन 40 से भी ज्यादा कंट्री में गया हूं। फार ईस्ट मिडिल ईस्ट में गया हूं और साउथ
1:01
अमेरिकन कंट्रीज में यूरोप में बहुत सारे कंट्रीज में रशिया में गया हूं। सभी जगह पे मैं गया हूं। साउथ अफ्रीका भी बहुत
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सारी बार गया हूं। तो सभी लोगों में मैंने एक चीज मेजर की कि मोस्ट ऑफ पीपल आई कैन
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से 80% ऑफ़ वर्ल्ड पीपल दे आर बिलीविंग ऑन डिसिप्लिन। क्योंकि उसके जो डिसिप्लिन है
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वह सभी चीजों का कि खानपान रहन और या तो फिर ऑन टाइम कमिटमेंट सब वो वेल डिसिप्लिन
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होते हैं और इंडिया के अंदर ओनली पर्टिकुलर ऑन डिसीजन फील्ड अभी इतना हम आगे नहीं है क्योंकि हमें बहुत कुछ करना
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है। मैं ऐसा सोच रहा हूं क्योंकि वो लोग का क्या है कि उसने बोला कि भाई 10:00 बजे की मीटिंग है तो ऐसा नहीं होगा कि 10:01
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पे आएंगे और 10 में पांच कम होगी तभी वो लोग आ जाएंगे और ऑन टाइम वो काम करेंगे तो
1:50
उसका बड़ा इफेक्ट रहता है टाइम की वैल्यू कर हां सभी चीजों में नॉट ओनली टाइम दे आर
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कमिटेड ऑन कमिटमेंट आल्सो कि भाई आपके साथ जो भी काम किया कमिटमेंट किया कि भाई ये
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करेंगे तो वो वैसा ही करते हैं। फ़ूड सेफ्टी के अंदर भी वह लोग बहुत डिसिप्लिन है। हमारे यहां क्या होता है कि भाई हमें
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कोई भी चीज़ है या तो फेग है या बॉक्स है उसको अच्छी तरह से रैप नहीं करते। पैकिंग
2:15
नहीं करते और कोई भी चीज लेते हैं तो डायरेक्ट हाथ से लेते हैं तो वो लोग क्या ग्लव्स का यूज़ करते हैं। फिर उसका पूरा
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पैकिंग अच्छी तरह से करते हैं। पेटाइजिंग करते हैं। तो वो सब चीजें हैं। मैं एक बात
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कहूं आपको अफ्रीका तो बहुत गरीब है। इंडिया से बहुत पीछे है। लेकिन अफ्रीका के जो लेबर है वह भी सेफ्टी शूज पहनते हैं।
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उसके ग्लोस का यूज़ करते हैं। पूरा जो प्रोसीजर होता है वह अफ्रीका के भी कोई कंपनी के अंदर विजिट करेंगे तो उसका भी
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लेबर होगा। आपको वो एकदम वेल डिसिप्लिन होगा। हमारे यहां क्या होता है कि भाई हमारे यहां इतना हम डिसिप्लिन का बहुत ये
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नहीं रखते। हमें क्या होता है कि हम मनी ओरिएंटेड और वर्क ओरिएंटेड ज्यादा रहते हैं कि भाई नहीं हमारा काम हो गया तो बस
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ठीक है जैसे तैसे हुआ हुआ ना ऐसा नहीं। वो लोग हम क्या करेंगे 1 घंटे में कोई काम
3:04
निपटा देने का सोचते हैं तो वही काम वो लोग 5 घंटे में करेंगे लेकिन अच्छी तरह से
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करेंगे। सिस्टेटिक सिस्टिक अभी बहुत सारे कंट्री में विजिट कर रहे हो तो आपके लिए कोई ऐसी कंट्री की
Eye-Opening Lesson from One Country
3:17
विजिट जो आई ओपनिंग रही हो मतलब बहुत कुछ सीखने मिला हो ऐसी कौन सी कंट्री रही है?
3:22
मैं एक बार रशिया में था। मेरा अनियन का बिजनेस है लेकिन मैं चुस्त स्वामी नारायण हूं। तो अनियन गार्लिक खाता नहीं हूं। मैं
3:30
कंपनी से 5 सात साल से काम कर रहा हूं। लेकिन उसके ओनर को मिला नहीं था कभी। पिछले साल मैं जब रशिया में था तो वहां
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गया तो उस टाइम उसके ओनर ने मुझे बोला कि उसका ओनर को मैं कभी मिला नहीं था लेकिन
3:43
उसका जो सेक्रेटरी था उसने बोला कि मेरे बॉस ने बोला कि इस बार हम डिनर साथ में
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करेंगे तो मैंने बोला कोई बात नहीं करेंगे। मैंने उसे बोला कि भाई मेरी एक रिक्वेस्ट है कि मैं ये जो अनियन गार्लिक
3:57
नहीं खाता। तो उसने बोला कि कोई बात नहीं हम आपके लिए ऐसा ही अरेंजमेंट करेंगे कि भाई विदाउट अनियन गार्लिक हो गई। तो
4:04
मॉस्को के अंदर उसने एक रेस्टोरेंट ढूंढ निकाली जो प्योर वेजिटेरियन नो अनियन नो
4:09
गार्लिक थी। तो मेरे लिए तो वही आई ओपनिंग थिंग रहा है कि यार रशिया जैसी या मॉस्को
4:15
जैसा सिटी उसके अंदर ऐसी रेस्टोरेंट ढूंढना बहुत डिफिकल्ट है।
4:22
तो पूरे इंडियन तरीके की वो नॉर्थ इंडियन टाइप की वो रेस्टोरेंट थी। उसके अंदर सब
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वो शेफ्स वेस्ट थे वो नेपाली थे और वो जो हमारा पुराना देसी तरीका होता था ना रोटी
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बनाना और जो सब पुराने बर्तन में बनाना वैसा रेस्टोरेंट था तो फिर मैंने पूछा कि
4:39
आपने कैसे ढूंढा? वैसा भी पूछा कि क्या आप इंडियन फूड्स में इंटरेस्ट रखते हैं या तो
4:44
आप वेजिटेरियन प्रोडक्ट्स आपको ये करती है सूट। तो उसने बोला कि नहीं बिल्कुल नहीं
4:50
मेरे को तो मैंने कभी वेजिटेरियन खाया भी नहीं है और वेजिटेरियन चीज मैं खाता हूं
4:55
ना तो मेरे को अच्छा भी नहीं लगता क्योंकि मेरा टेस्ट वो नहीं है।
5:00
तो मैंने बोला कि आपने ऐसा क्यों किया? तो उसने बोला कि आप हमारे गेस्ट हो इसलिए
5:06
आपको कोई तकलीफ नहीं होनी चाहिए। आपको जैसा बोला वैसा ही हम ये करेंगे। इसलिए
5:12
मैंने पूरा ढूंढ के निकाला। तो मैंने सोचा कि यार कि एक हम क्या करते हैं कि हमारा
5:19
कोई कस्टमर या तो हमारा कोई गेस्ट होता है तो उसके लिए हम इतना बड़ा काम नहीं करते कि इतना बड़ा तकलीफ लेते हैं। लेकिन वो
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लोग ऐसा करते हैं कि भाई चलो एक जो भी करेंगे वो 100% करेंगे। तो मेरे को वो चीज
5:32
बड़ी ये हो गई कि भाई नहीं वो उसने बहुत बढ़िया काम किया। मतलब जहां पे वेजिटेरियन फूड ढूंढना भी
5:39
डिफिकल्ट है उस जगह पे उन्हें विदाउट अनियन एंड गार्लिक का खाना अरेंज किया।
5:45
वही अपने आप में एक बड़ी बात है। एक ओवरऑल सबको लगता है कि जो एक्सपोर्ट का बिजनेस
Is Export Business Really Easy?
5:52
है उसमें काफी पैसा है। जैसे ही आप एक्सपोर्ट स्टार्ट करते हो डॉलर में पैसे आना स्टार्ट होते हैं तो आप Mercedes, Audi ले सकते हो डायरेक्टली।
5:59
तो आपको क्या लगता है कि एक्सपोर्ट का बिजनेस स्टार्ट करना इजी है? और कैसे ग्रो कर सकते हैं एक्सपोर्ट का बिज़नेस?
6:04
नहीं मैडम वो बिज़नेस है ना कोई भी बिज़नेस करेंगे ना तो उसमें प्रॉफिट तो है ही। इतना भी नहीं है कि कोई बिज़नेस में कम प्रॉफिट है, लेस प्रॉफिट है या ज्यादा प्रॉफिट है। लेकिन उसका स्केल कितना बड़ा है, उस पे डिपेंड रहता है।
6:22
और आप बोलते हैं कि भाई एक्सपोर्ट का बिज़नेस चालू किया और यू चालू किया और यू पैसे आने लगे। ऐसा कोई बिज़नेस मेरे ख्याल से तो है ही नहीं।
6:29
क्योंकि आपको कोई भी काम 100% कमिटमेंट से करेंगे। एक ना एक दिन तो आएगा ही कि आपका प्रॉफिट लेवल बढ़ेगा।
6:34
लेकिन एक्सपोर्ट का काम ऐसा भी नहीं है कि इजी है और मैं ऐसा भी नहीं बोलूंगा कि डिफिकल्ट है। वो क्या होता है कि आपका कितना एक्सपीरियंस है, प्रैक्टिस कैसा है उस पे डिपेंड रहता है।
6:47
तो कोई भी काम करेंगे तो उसमें आपको क्या होता है कि जो भी काम कीजिए उसको आप एक टारगेट बना के कीजिए कि भाई हमें वह काम अच्छे से अच्छा करना है। लॉन्ग टर्म के लिए करना है।
7:00
नहीं कि भाई थोड़ा बहुत प्रॉफिट के शॉर्ट टर्म के लिए तो मैं सब लोगों को ही कहना चाहूंगा कि भाई आप एक्सपोर्ट का बिज़नेस करें या तो कोई भी चीज करें वो नॉट फॉर अ शॉर्ट टाइम इट शुड बी फॉर अ लॉन्ग टाइम
7:14
और आप सेल्स और मार्केटिंग में काफी फोकस करते हो तो जो नए एक्सपोर्टर है उनके लिए
Should New Exporters Attend Exhibitions?
7:21
आप क्या कहना चाहोगे कि जो बहुत सारे जैसे कि एग्जीक्यूशन होते हैं डिफरेंट-डिफरेंट
7:28
कंट्री में वो विजिट करने चाहिए उससे बेनिफिट होता है और अगर करने चाहिए तो ऑन
7:34
एन एवरेज कितना एक्सपेंसेस आता है थोड़ा सा अगर आप बता का बिज़नेस है मार्केटिंग तो जरूरी चीज़ ही
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है तो एग्ज़िबिशन उसके अंदर बहुत हेल्प करते हैं लेकिन वो एग्बिशन कितने करने हैं या
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तो कितना आपको उसके पीछे एक्सपेंस करना है वो तो डिपेंड अपने एक प्लानिंग के हिसाब
7:54
से होता है लेकिन वो खर्च के हिसाब से तो क्या होता है कि कौन से कंट्री में आप
8:00
एक्सिबिशन करते हैं उस पे भी डिपेंड रहता है। हम और दूसरी बात है कि आप समझ लीजिए कि एक
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छोटा सा एक्सबिशन करेंगे तो भी ₹ लाख का खर्च तो मिनिमम होता ही है और ज्यादा से
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ज्यादा खर्च 20 लाख, 25 लाख, 50 लाख तक भी होता है। आपका बिजनेस की साइज क्या है? आप
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कितना एक्सबिशन करना चाहते हैं? उस पे डिपेंड रहता है। तो 5 लाख से लेके 50 लाख तक का एक्सपेंस
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जा सकता है एग्जीबिशन में। और उससे मतलब कितना बेनिफिट होता है अगर कोई विजिट करना
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चाहे या सोचे उसके बारे में तो उससे आप बता सकते हो कि ये सब अटेंड करने से कितना
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बेनिफिट्स होता है बिजनेस में बिजनेस में मैडम उसमें एग्बिशन करेंगे तो नए कस्टमर तो मिलते ही रहते हैं उसका
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बेनिफिट तो रहता ही है लेकिन आप सोच रहे हैं कि अभी मैंने एग्बिशन किया और आज का आज मेरे को कस्टमर मिल गया ऐसा तो नहीं
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रहता कई बार ऐसा भी होता है कि आप एक बार एग्बिशन में गए आपको कोई दो चार पार्टियां
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मिली तो वो क्या करेंगे कि पहले आप कोई कंपनी को देखेंगे के लोग की कंपनी है आपके
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बारे में वो पूरा स्टडी करेंगे तो एक बार में करेंगे ऐसा नहीं है दो तीन चार बार आप करेंगे तो उसमें ट्रस्ट बिल्ड अप होगा
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उसके बाद बिनेस होता है तो एग्बिशन है वो जरूरी तो है ही है लेकिन ऐसा नहीं है कि
9:13
एक एग्बिशन किया और उसके बाद या तो एक बार कोई कस्टमर को मिले और वो कस्टमर ने आपको
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ऑर्डर दे दिया ऐसा नहीं है। सारी चीजें मैंने जैसे आपको बोली ना इट्स नॉट फॉर अ
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शॉर्ट टाइम इट शुड बी फॉर अ लॉन्ग टाइम बेनिफिट नहीं होता है कभी भी आपको लॉन्ग
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टर्म के लिए कंटिन्यू करना पड़ेगा वो सेम चीज हां वो सही बात है क्योंकि कोई भी चीज में
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आप शॉर्ट टर्म होता ही नहीं सभी चीजों में रिलेशनशिप का बिल्ड अप होना भी जरूरी है
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उसके बेस पर ही ट्रस्ट बिल्ड अप होता है तो उसके बेस पे ही बिजनेस चलता है आपने कौन सी कंट्री में आपका पहला
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एग्जीबिशन किया था मैंने 2011 11 में जर्मनी में पहला एग्बिशन किया था। तो क्या पहले एग्बिशन से कोई ऑर्डर कंफर्म
First Order After First Exhibition
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हुआ था किसी बायर का? नहीं पहले एग्बिशन में कोई ऑर्डर कंफर्म नहीं हुआ था। लेकिन पहली दफा मैं जब
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एग्बिशन में आउट ऑफ इंडिया गया था उस टाइम मुझे बहुत सारे लोग मिले थे जो अनियन
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गार्लिक लेते थे। तो फिर मैंने कंपनी का डिटेल्स था वो मैंने उसके साथ शेयर किया था। उसकी डिटेल
10:13
मैंने ली थी। वहां से आने के बाद सभी लोगों से मैं राब्ता करता रहा। तो
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धीरे-धीरे धीरे-धीरे एक दो साल के बाद दो चार पांच कस्टमर चालू हुए और धीरे-धीरे धीरे-धीरे काम चालू हुआ था।
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मतलब वो एग्जीबिशन से कस्टमर कन्वर्ट होने में 2 साल लगे। हां वो ऐसा समझ सकते हैं कि भाई 2 साल लगे
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थे पहली बार। ओके। और अभी सबको लगता है कि बायर का ऑर्डर कंफर्म हो गया। मतलब एक्सपोर्ट हो
Managing Daily Business Operations
10:39
गया। लेकिन उसके बाद ही असली चैलेंजेस स्टार्ट होते हैं। प्रोक्योरमेंट है,
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प्रोडक्शन, लॉजिस्टिक, फाइनेंस, बाकी के कंप्लायंस। तो इतने सारे जो ऑपरेशन
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चैलेंजेस होते हैं वो आप कैसे मैनेज करते हो डे टू डे? उसमें क्या है मैडम कि सारी चीजों को
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मैनेज करने के लिए हमारे पास दो चीजों का होना जरूरी है। एक टेक्नोलॉजी और एक टीम
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वर्क। टेक्नोलॉजी से हमारा फास्ट और अच्छा परफेक्शन वाला काम होता है। और टीम वर्क
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से क्या होता है कि हमारे पास सभी जो अलग-अलग डिपार्टमेंट है उसके जो काबिल लोग
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हैं वो होंगे तो हमारा काम का क्वालिटी है वो एकदम हाई होगा। तो हमारे पास दोनों
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चीजें होनी चाहिए कि काबिल लोगों की टीम भी होनी चाहिए और टेक्नोलॉजी भी होनी चाहिए। उससे ही हमारा काम स्पीडी फास्टली
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और परफेक्टली आगे बढ़ सकता है। तो आपने अपने बिजनेस में कब से टेक्नोलॉजी
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का यूज करना स्टार्ट किया है? मैडम एक बात बोलूं तो टेक्नोलॉजी का बिजनेस तो हम समझ लीजिए ना कि शुरुआत से
When They Started Using Technology
11:44
ही करते हैं क्योंकि इंटरनेट के बिना तो कोई काम चल ही नहीं पाता। तो उसके बाद में हमने क्या किया कि भाई जो
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टेक्नोलॉजी है फिर बाद में पहले हम ट्रेडिंग करते थे। बाद में हम प्रोडक्शन में आए। तो प्रोडक्शन में आने के बाद में
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भी हमने प्रोडक्ट इवैल्यूएशन के लिए डिफरेंट-डिफरेंट जो क्वालिटी के मशीन ये
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सब कुछ किया। उसके बाद में जो डॉक्यूमेंटेशन है उसके पार्ट के लिए भी
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भाई कोई सॉफ्टवेयर की जरूरत थी। तो आपके शिव जी से ही पहला सॉफ्टवेयर मैंने लिया
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और वो अच्छे से हम रन कर पा रहे हैं। पहले का जो काम हमें करने में समझ लीजिए ना कि
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एक्सेल की शीट बनाने में एक्सेल का जो डाटा मेंटेन करने में आधा घंटा या घंटा
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लगता था तो अभी हमारे जो लोग हैं वो काम अभी 5 मिनट में क्योंकि उसके पास रेडीमेड
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डाटा रहता है सॉफ्टवेयर का। तो टेक्नोलॉजी में सभी जो हम बोलेंगे प्रोडक्शन है,
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परचेस है या तो फिर डॉक्यूमेंटेशन है सभी जगह पे टेक्नोलॉजी के बिना तो हम आगे बढ़ ही नहीं पाते।
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क्या सीजी यूज़ करने के बाद आपकी टीम की प्रोडक्टिविटी इनक्रीस हुई है? हां वो
How Shipzy Increases Productivity
12:51
डॉक्यूमेंटेशन पार्ट में या तो डाटा में तो 100% हुई है क्योंकि उसके बिहाफ के
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हमें हमारे पास पूरा डाटा रहता है और पूरा समझ के एनालिसिस भी हम उनप कर सकते हैं ना
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कि ग्रोथ कितना है प्रॉफिट कितना है बिनेस कितना हुआ है और कौन सी प्रोडक्ट का कितना
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मार्केट सेट रहा है वो सब चीज का डाटा एनालिसिस ईजीली हो पाता है। आपने बताया कि
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टेक्नोलॉजी एंड टीम दोनों चीज़ इंपॉर्टेंट है। बिजनेस को ग्रो करने में। तो टीम
What Matters in Team Building
13:21
बिल्डिंग में आप मेन क्या देखते हो? मतलब माइंडसेट या फिर टीम की स्किल?
13:26
नहीं वो दोनों चीजें जरूरी है। माइंडसेट से भी नहीं चलता और स्किल से भी नहीं चल
13:32
सकता। मैं आपको कह रहा हूं कि भाई कोई आदमी है वो उसका स्किल तो बहुत बढ़िया है।
13:38
लेकिन समझ लीजिए उसका बर्ताव अच्छा नहीं है तो उसकी वजह से कहीं कंपनी में टीम
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वर्क नहीं हो नहीं पाएगा। टीम वर्क में किसी का वर्ताव अच्छा है लेकिन उसके पास काम को अच्छी तरह से करने की स्किल नहीं
13:49
है तो भी नहीं चलेगा। तो मैं सोचता हूं कि दोनों चीजों का होना बहुत जरूरी है।
13:55
और आप किस टाइप के लोगों को आपकी टीम में प्रेफर करते हो? कैसे अपनी टीम बिटवीन
14:00
करते हो? जो भी डिपार्टमेंट है उसमें जरूरत होती है उसके क्वालिफाइड जो लोग
14:05
होते हैं उसको चुनते हैं। बाद में उसका बर्ताव भी देखते हैं कि भाई ये क्वालिफाइड तो है लेकिन उसमें टीम वर्क करने का जो
14:14
मैनर्स होती है कि भाई किसी सबके साथ मिलजुल के काम किया करें। सपोर्टिवनेस
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होनी चाहिए। वो सब है या नहीं है उसके बेस पे ही हम उसका ये करते हैं। क्योंकि टीम
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वर्क के बिना आपका ग्रोथ नहीं हो पाएगा। क्योंकि जो आपको ग्रोथ करना है तो सभी
14:32
लोगों को क्या होता है कि सब लोग वर्क ओरिएंटेड होंगे तो ही यह काम हो पाएगा।
14:37
अदरवाइज क्या होगा कि कोई काम अच्छा करेगा कोई काम डिले करेगा तो उसकी वजह से आपका
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जो वर्क का ये बैलेंस होगा इनबैलेंस हो जाएगा। तो अभी आपकी टीम के साथ कैसे रिलेशंस है
14:49
आपके? मैंने टॉप टू बॉटम जो काम है ना वो सब मैंने खुद किए हुए हैं। तो मेरे को एक
Relations With the Team
14:55
चीज का ये हुआ कि भाई सारे लोगों के साथ फमिलियर एटमॉस्फियर होना चाहिए और मैं
15:01
मेरी फैक्ट्री के अंदर या तो मेरे जितने भी एंप्लई है एंप्लई का तो सिर्फ बात नहीं
15:06
है लेकिन मैं जो लेबर है उसके साथ भी मेरा वर्ताव रहता है ना वो फमिलियर ही लेता है। मैं कंपनी में जाता हूं तो कोई काम ऐसा
15:14
नहीं है कि मैं मेरे सुपरवाइजर से पूछता हूं। उनके मैनेजर को पूछता हूं। मैं लेबर
15:19
है उसके साथ भी बात कर लेता हूं कि ये काम तुम कर रहे हो तो कोई दिक्कत तो नहीं है अच्छी तरह से काम चल रहा है या तो कोई
15:26
फैमिली में इशू है बहुत सारी बात फैक्ट्री या बिजनेस के अलावा भी बात कर लेता हूं
15:32
क्योंकि उसके वजह से क्या होगा कि हमारा रिलेशन बिल्ड अप होगा और उसकी वजह से हमारी कंपनी हमसे वो लगाव होगा और लगाव
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होने से वो हमारी कंपनी के में जो काम करेगा वह दिल से करेगा और उसका बेनिफिट
15:45
हमें मिला है और मिल मिलता ही रहा है तो डायरेक्टली जो भी मतलब लेबर है या कोई भी टीम मेंबर है वह डेली ऑपरेशन परफॉर्म
15:53
कर रहा है तो उसको बेटर अंडरस्टैंडिंग है कि क्या डिफिकल्टी आ रही है तो वही आपको
15:58
मतलब मैनेजमेंट का कोई मेंबर अपडेट्स देगा उसकी वजह से जो पर्सन या जो मेंबर काम कर
16:04
रहा है वो बेटर फीडबैक प्रोवाइड कर सकता है कि वो पक्का है प्रॉब्लम आ रही है। हां वो सही बात है। पक्का है क्योंकि कई
16:11
बार क्या होता है कि भाई हम मैनेजमेंट में ऊपरी मैनेजमेंट में जो चीज़ डिसाइड करते
16:17
हैं कि भाई चलो हमें ये चीज नहीं इंप्लीमेंट करनी है। लेकिन कभी क्या होता है कि हम सीनियर मैनेजमेंट डिसाइड करते
16:24
हैं। फिर जूनियर मैनेजर को जूनियर मैनेजर सुपरवाइजर को देता है और तो वो चीज लेबर
16:29
के पास आती है। लेकिन एक्चुअल जो काम करना है वो लेबर को करना है। तो वो लेबर को ही
16:34
पता है कि एक काम हम करेंगे तो वो फास्ट होगा। अच्छी एफिशिएंसी से होगा और उसमें
16:40
कंपनी का बेनिफिट भी होगा। अदरवाइज क्या होगा कि हम बोलेंगे कि नहीं ऐसा ही करना
16:45
है तो उसकी वजह से क्या होगा कि वो लेबर कर तो देगा लेकिन वो एफिशिएंसी आपको नहीं
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होगी जिससे आपका ग्रोथ हो पाए। तो इसकी वजह से जो भी पॉलिसी बनाते हैं तो मैं
16:58
क्या करता हूं कि भाई जो भी पॉलिसी बनी है वो ग्राउंड पे है कि नहीं? मैं लेबर को जाके पूछता हूं या तो जो लो लेवल लोग है
17:06
उसके जाके वहां चेक करता हूं कि ये हो पा रहा है नहीं हो पा रहा है। नहीं हो पा रहा है तो उसमें हम बदलाव भी करते हैं। जो भी
17:13
जररियात है उसके अंदर वो जरूरी चीजें है उसका हम मैनेज करते हैं। उसकी वजह से हमें
17:19
बहुत बेनिफिट हुआ। वो डायरेक्ट आपको आउटपुट दे रहा है। अदरवाइज दूसरे केस में वो सिर्फ ऑर्डर फॉलो कर रहा है। तो उससे
17:25
कुछ बेनिफिट इतना नहीं होगा जितना उसके फीडबैक को आप कंसीडर करोगे और उसकी जो
17:32
सजेशंस है उसको ध्यान में लेके इंप्लीमेंट करोगे तो बेटर आउटकम मिलेगा ऑलवेज।
17:37
हां वो तो पक्का है कि भाई आपको जो चीज है उसका 100% परफॉर्मेंस लेना है तो आपको
17:45
सिर्फ ऊपर बैठने से कुछ नहीं होगा। ग्राउंड लेवल पे तो जाना ही पड़ेगा। करेक्ट करेक्ट। और हर बिजनेस में कोई ना
17:53
कोई तो ऐसा टफ मोमेंट आता है कि जब लगता है कि अभी यह सब हैंडल करना डिफिकल्ट हो
When He Wanted to Quit
18:00
रहा है या फिर मैनेज नहीं हो पाएगा। तो आपने जीरो से लेके स्टार्ट किया है और
18:05
वििन फ्यू इयर्स 120 करोड़ का बिनेस खड़ा किया है। तो आपके बिजनेस में कब ऐसा
18:11
मोमेंट आया कि जब आपको लगा कि अब यह डिफिकल्ट हो रहा है, नहीं हैंडल होगा। मैंने बोला कि 2014 के अंदर मेरे को एक
18:19
ऐसा हुआ था कि भाई यह बिजनेस अब नहीं रन कर पाऊंगा और उसके बाद में जैसे मैंने
18:26
बताया कि उस टाइम इंटरनेशनल प्रॉब्लम बहुत थे। बट उसके बाद में तो कभी ऐसा लगा नहीं। फिर
18:32
तो ग्रोथ पे ग्रोथ चलता रहा और फिर तो हमारी मार्केट पे पकड़ भी इतनी आ गई। हम
18:38
धीरे-धीरे हमारी जो प्रोडक्ट्स थी और उसमें जो एफिशिएंसी थी वो सब बढ़ा ली
18:43
इसलिए इसके वजह से हमारा एकदम स्ट्रांग पॉइंट हो गया और मार्केटिंग भी स्ट्रांग हो गया। तो उसकी वजह से सभी चीजों के अंदर
18:50
हमारा फोकस रहा और इसकी वजह से टिल द डेट अभी तो कोई प्रॉब्लम नहीं आया। हम और इतने सारे जो बिजनेस ऑपरेशन है
18:58
मल्टीपल डिपार्टमेंट है तो आपको कौन सा सबसे डिफिकल्ट लगता है? लॉजिस्टिक,
Most Difficult Part of Export Business
19:04
कंप्लायंस, डॉक्यूमेंटेशन या प्रोडक्शन? कंप्लायंस क्योंकि कोई भी कस्टमर होता है
19:10
उसको कोई भी चीज है वह ऑन टाइम मिले अच्छी मिले सर्विस मिले उसमें क्या सिर्फ कस्टमर
19:17
को हम कोई भी चीज का एक्सपोर्ट करें उससे बेनिफिट नहीं होता है उसके कई सारे पहलू
19:23
होते हैं पहले तो मार्केटिंग बाद में सेल्स सेल्स के बाद क्या होता है आफ्टर सेल सर्विस हमारा गुड्स एक बार उसे मिल
19:30
गया तो उसको प्रोडक्ट कैसे नहीं लगा और प्रोडक्ट कैसे लगा वो तो ठीक है ऑन टाइम
19:35
मिला कि नहीं मिला पैकिंग अच्छा मिला कि नहीं मिला वो सब चीज उसमें मैटर करती है।
19:40
सबसे बड़ी चीज है कि भाई चलो उसका फीडबैक भी अच्छा आया, प्रोडक्ट भी अच्छी आई लेकिन
19:45
कंसिस्टेंसी भी रहनी चाहिए ना। एक बार हमने जो प्रोडक्ट भेजी वैसी की वैसी ही प्रोडक्ट दूसरी बार तीसरी बार जब भेजोगे
19:52
उसका क्वालिटी, पैकिंग, लेबलिंग जो भी चीज है वो सेम रहनी चाहिए। तो उसमें कंप्लायंस
19:58
है वो मैं सबसे जरूरी मानता हूं। ओके? और क्वालिटी मैटर करती है क्योंकि अगर क्वालिटी अच्छी रहेगी तभी रिपीट ऑर्डर
20:05
आएगा। क्वालिटी तो मस्ट है। बिना क्वालिटी से तो आपका काम बनेगा ही नहीं। क्वालिटी
20:11
तो जरूरत ही है। लेकिन क्वालिटी के अलावा भी बहुत सारी चीजें हैं कि भाई कि सिर्फ
20:16
क्वालिटी से नहीं होगा कि उसमें डॉक्यूमेंटेशन पार्ट आया या तो फिर लेबलिंग आया, पैकिंग आया, आफ्टर सेल
20:23
सर्विज आया जो भी ऑन टाइम रिस्पांस जो कस्टमर हमें कोई भी रिक्वायरमेंट या तो
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कोई भी सजेशन करता है उसका हम तुरंत उसको रिप्लाई करें। वो उसे बहुत अच्छा लगता है
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और वो चीज से उसका स्ट्रांग बिल्ड अप होता है। कोई भी बिजनेस को ग्रो करने के लिए आप ईयर
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ऑन ईयर ऑलमोस्ट डबल ग्रो कर रहे हो और आपका ग्रोथ काफी अच्छा है। तो आपने किस
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तरह के एसओपीस डिलीशियस फूड में अभी सेटअप करके रखे हैं। हमने एसओपी में तो क्या
SOPs Followed by Delicious Food
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किया है कि भाई पहले से लेके परचेस प्रोक्योरमेंट प्रोडक्शन सेल्स और आफ्टर
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सेल सर्विसेस वो सभी चीजों के अंदर हमने एक सिस्टम बना रखा है कि भाई पहले तो सभी
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चीजों में कोई ना कहीं कि भाई अच्छे पहले तो टीम बनाया है कि काबिल लोग सभी डिपार्टमेंट में है परचेस सेल्स प्रोडक्शन
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सब में है और दूसरा टेक्नोलॉजी का यूज़ जैसे मैंने बोला कि आपका शिव जी का सॉफ्टवेयर हमने लिया है तो उसका भी हम
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पूरा या परचेस से लेके सेल आफ्टर सेल सर्विस सेल सर्विज उस सब में हम हमारा
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आपका सॉफ्टवेयर है हमें यूज़फुल होता है। तो टेक्नोलॉजी टीम और बाद में जो
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फैसिलिटीज है वो भी हम ये कर रहे हैं। प्रोडक्ट का इवैल्यूएशन भी कर रहे हैं।
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टेक्नोलॉजी का भी इवैल्यूएशन कर रहे हैं। बहुत सारी चीजें मैटर करती है। बिजनेस इतना ग्रो कर रहा है। इट मींस कि
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ऑटोमेटिकली आपकी रिस्पांसिबिलिटी भी बढ़ रही है। तो ऐसे यह फास्ट ग्रोइंग वर्ड में
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बिजनेस, पर्सनल लाइफ, हेल्थ यह सब बैलेंस करना काफी डिफिकल्ट हो जाता है। तो, आपके
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लिए सबसे इंपॉर्टेंट क्या है? अगर फैमिली, बिजनेस एंड हेल्थ को एक ऑर्डर में अरेंज
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करना है, तो आप कैसे प्रेफर करोगे? किस ऑर्डर में अरेंज करोगे? सभी चीजों में जो
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हमारा हेल्थ है ना वह सबसे बड़ा है। क्योंकि आपके पास हेल्थ होगा तो आप बिजनेस
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भी अच्छी तरह से मैनेज कर पाओगे। फैमिली भी अच्छी तरह से मैनेज कर पाओगे। आपका सोशल लाइफ भी अच्छा होगा। बिजनेस लाइफ भी
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अच्छा होगा। सभी चीजें अच्छी होगी। तो हेल्थ है वो सबसे जरूरी चीज है। क्योंकि
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बिना हेल्थ तो कुछ होता ही नहीं है। हेल्थ इज वेल्थ। हेल्थ इज वेल्थ 100%
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बिजनेस मीटिंग्स या फिर ट्रैवल और फैमिली के बीच में से सिलेलेक्ट करना पड़ा और टफ
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टाइम आ गया कि अभी हैंडल नहीं हो रहा है इसको कैसे मैनेज करें ऐसी कोई सिचुएशन आई
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है क्या? हां वो 2016 से लेके 21 तक हमारा जब ग्रोथ बहुत ज्यादा था वो जब हम ग्रोइंग
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पीरियड में थे उस टाइम मेरे को बहुत ट्रैवलिंग रहता था और सारी स्ट्रगल बहुत
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रहती थी उस टाइम ऐसा प्रॉब्लम रहता था क्योंकि फैमिली को टाइम नहीं दे पा रहा था
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और हेल्थ के लिए भी टाइम नहीं दे पा रहा था क्योंकि उसमें क्या होता था उस टाइम पे इतना ट्रैवलिंग रहता था तो एक्सरसाइज का
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टाइम नहीं मिलता था तो उस टाइम बहुत टफ था लेकिन बाद में 21 के बाद में धीरे-धीरे सब
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कुछ सेटल होने लगा। फिर मैंने सबका शेड्यूल है वो रेडी कर लिया कि भाई कितने बजे सोना है, कितने बजे खाना है, क्या
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करना है, क्या नहीं करना तो वो सब बहुत हेल्प कर रहा है। ओके। और आप एक प्योर वेजिटेरियन पर्सन हो
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और इतने कंट्री में ट्रैवल करते हो तो मतलब कितना डिफिकल्ट होता है आपके लिए ये
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मतलब फूड और वेजिटेरियन फूड अदर कंट्री में मैनेज करना। थोड़ा डिफिकल्ट तो रहता
Managing Pure Veg Food Abroad
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है लेकिन मैनेज हो जाता है। ज्यादातर तो हम क्या करते हैं कि अपार्टमेंट होटल ले
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लेते हैं या तो फिर हम खुद का ही बना लेते हैं। राइस है, खिचड़ी है वो सब बना लेते हैं तो चल जाता है। और यहां से भी बहुत
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सारी रेडी टू ईट प्रोडक्ट्स अभी मिलने लगे हैं। तो उसकी वजह से अभी इतना डिफिकल्ट तो नहीं
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रहा। पहले थोड़ा बहुत डिफिकल्ट था। लेकिन बहुत सारे कंट्रीज में तो अच्छी-अच्छी इंडियन रेस्टोरेंट भी मिल जाती है जो जैन
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खाना भी सर्व करती है। तो थोड़ा बहुत दिक्कत वाला है लेकिन इतना नहीं रहा अभी
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तक। नए एक्सपोर्टर के लिए अगर आपको कोई एडवाइस देनी है या फिर टू थ्री की लर्निंग
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पॉइंट्स देना है तो आप क्या शेयर करना चाहोगे? मैं नए एक्सपोर्टर को तो मेरे एक्सपीरियंस के हिसाब से एक बोलूंगा कि
Learnings for New Exporters
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भाई आप किसी चीज के फेलर की वजह से आप डरिए मत कि भाई आप फेल हो जाएंगे इसलिए
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नहीं करेंगे ऐसा नहीं है आप काम चालू कर दीजिए स्टार्ट कीजिए स्टार्टअप लीजिए और
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प्रॉब्लम्स बहुत आएंगे कठिनाइयां भी बहुत होगी लेकिन उसके अंदर उसका सॉल्यूशन निकाल
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के आप आगे बढ़िए एक ना एक दिन आपको सक्सेस मिलेगा और क्या होता है कि कोई भी चीज
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शॉर्ट टाइम के लिए मत कीजिए। उसका बेनिफिट लॉन्ग टाइम के लिए ही होता है। तो लॉन्ग
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टाइम के लिए ही जाइए। कोई भी कार्य कीजिए तो उसमें लॉन्ग टाइम विज़ रखें। बड़ा हेल्प
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करेगा। और तीसरी चीज है कि भाई कोई भी काम करें उसमें 100% ऐसा नहीं कि भाई कोई भी
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चीज करेंगे तो थोड़ा यह करेंगे, थोड़ा वो करेंगे। नहीं। आपका जो भी इंटरेस्ट है वह
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एक ही डायरेक्शन में आप काम चालू कीजिए और 100% उसको दीजिए। आपको 100% सक्सेस मिलेगी
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और आपके अपने कोई दो-तीन बिजनेस मंत्रा शेयर करने हैं तो वो आप क्या देना चाहोगे?
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आपका जो लक्ष्य है या तो टारगेट है वो आप ऊंचा रखें कि भाई हमें कोई भी जगह पे
Divyesh Bhai’s Business Mantra
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बेस्ट करना है तो आप 100% सक्सेस होंगे। आपका लक्ष्य बड़ा होगा तो समझ लीजिए ना आप ऐसा सोचेंगे
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कि भाई मेरे को 500 करोड़ का बिजनेस करना है। ऐसा करके आप ट्राई चालू करेंगे तो 50
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करोड़ तक तो पहुंचेंगे ही पहुंचेंगे। तो मैं ऐसा कहूंगा कि आपका लक्ष्य बड़ा रखना
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चाहिए। और डिलीशियस फूड को लेके आपका नेक्स्ट विज़ क्या है? अभी तो हमारा क्या होता है कि
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हमारे स्पेस में अभी बहुत ग्रोथ की गुंजाइश है। तो अभी तो हम हमारा जो काम चल
Vision for Delicious Food’s Future
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रहा है अभी 6 7000 टन का एक्सपोर्ट हमारा है। तो हम सोचेंगे अगले दो-ती साल के अंदर
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हम उसको डबल करेंगे। 10 12 टन के ऊपर ले जाना चाहेंगे। वह हमारा नेक्स्ट फ्यूचर तो
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यही है। और आपकी मेजर कौन सी प्रोडक्ट एक्सपोर्ट करते हो? तो वाइट अनियन या फिर अदर
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प्रोडक्ट में भी मेजर एक्सपोर्ट है आपका? नहीं हमारा मैडम दो ही चीजों में वाइट
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अनियन और गार्लिक में है और हमारा 80% से भी ज्यादा काम तो वाइट अनियन में ही है।
Top Export Products
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आप अपने कंपिटर को कैसे देखते हो? कंपटीिट में मैडम ऐसा है कि बहुत सारे
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कंपिटिटिट हमारे हैं। तो हम क्या करते हैं कि उसमें से जो चीजें अच्छी है उसका ग्रोथ
How They See Competition
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कैसे हुआ? वो कैसे चीजों को हैंडल करते हैं वो सब उसका हम एनालिसिस करके जो भी
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चीज जरूरी लगती है वो हमारे बिज़नेस में हम अप्लाई करते हैं और उसका हमारे तरीके से
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अप्लाई करते हैं। कॉपी नहीं करते हैं और दूसरी चीज ऐसी है कि मैं खुद ऐसा बिलीव करता हूं कि भाई हर एक लोगों की स्ट्रेटजी
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से ही काम चलता है। उन लोगों की स्ट्रेटजी अलग होती है। हमारी अलग होती है। और हमारा
27:16
कोई भी बिजनेसमैन है उसका ग्रोथ है। उसकी स्ट्रेटजी से होता है। तो हमारा खुद का एक
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स्ट्रेटजी है बिजनेस का कि भाई किसी का स्ट्रेटजी क्या होता है कि मोर प्रॉफिट और
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हमारा क्या है मोर बिनेस तो उसकी वजह से उसका और हमारा डायरेक्शन है वो डायरेक्शन
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सेम है लेकिन हमारा जो क्या बोलता है कि वो स्ट्रेटजी है वो टोटली डिफरेंट है उसकी
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वजह से हमें कॉम्पिटिट में अभी क्या बोलते हैं कि वो हमारे से आगे है तो ऐसा नहीं सोचता कि हम भी उसके आगे निकल जाए लेकिन
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हम ऐसा सोचते हैं कि जो भी काम हम करेंगे वो इतना स्टंग ली करेंगे हमारे पास अब
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जितना भी बिजनेस है वो कम नहीं होना चाहिए बढ़ेगा तो अपने आप अपना काम अच्छा होगा तो बढ़ेगा तो अपने आप तो उसी वे पे हम चलते
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हैं मतलब उससे लर्निंग लेके अपनी स्ट्रेटजी को इंप्लीमेंट करते हैं ज्यादा हर एक जगह पे
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मार्जिन की वजह से आप क्वांटिटी पे ज्यादा फोकस करते हो कि कितना ज्यादा बिजनेस कर
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पाए हम और बिजनेस को हर किसी को अगर ग्रो करना है तो कुछ ना कुछ नया सीखना पड़ता है
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एवरीडे तो आप अपने लर्निंग के लिए क्या करते हो? कुछ ऑनलाइन सीखते हो या फिर
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ऑब्जरवेशन करते हो या किसी से मिलते हो? कैसे अपने नॉलेज को डे बाय डे इंप्रूव
Strategy to Upgrade Knowledge
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करते हो? मैडम मेरा क्या होता है कि सोशल लाइफ बहुत अच्छा है और मैं मैं खुद भी ऐसा
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मानता हूं कि लोगों को मिलने से ज्यादा नॉलेज मिलता है। मैं ज्यादा से ज्यादा
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लोगों को मैं मिलता हूं और उससे सीखता हूं कि भाई क्या लोग हमसे आगे है जो लोग उसने
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क्या किया है वो वो कैसे चल रहे हैं तो उसकी वजह से हमें बहुत सारा चीजों का
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आइडियाज मिलते हैं और उससे हमें बहुत बेनिफिट होता है हम तो आप लोगों को मिलना ज्यादा प्रेफर
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करते हो हां मिलना ज्यादा और कोई ऐसी स्पिरिचुअल या फिर बिजनेस बुक
29:05
जो आपने पढ़ी हो या रीड की हो और उससे आपको काफी हेल्प मिली हो नहीं वैसे तो मैंने कोई स्पिरिचुअल बुक
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पढ़ी नहीं है। लेकिन वैसे मेरा जो भी काम है एक्सपीरियंस से ही मेरे को पता चला कि
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भाई यह काम करेंगे तो इससे यह बेनिफिट होगा। लेकिन स्पेशल कोई बुक मैंने पढ़ी नहीं है। ओके तो दिव्याश भाई बिजनेस की
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बातें तो हमने काफी कर ली। अभी थोड़ा सा फन करते हैं। सो लेट्स प्ले रैपिड फायर
29:33
राउंड। अगर डिलीशियस फूड एक फिल्म होती तो कौन सा
Fun Rapid Fire Round with Divyeshbhai
29:41
एक्टर लीड रोल करता? आमिर खान क्योंकि वो परफेक्टिश है और मुझे बहुत पसंद है।
29:47
संडे को आप क्या प्रेफर करोगे? फैक्ट्री विजिट या Netflix? ऑलवेज फैक्ट्री विजिट।
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एक काम जो पहले 2 घंटे लेता था लेकिन अभी कुछ ही मिनटों में कंप्लीट हो जाता है। वो
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कैसे होता है? वो टेक्नोलॉजी की मदद से जैसे आपका जो शिवजी का सॉफ्टवेयर है उसकी
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वजह से हमारा काम एकदम इजी हो गया है। किसने आपको ज्यादा रुलाया एक्सेल या
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सॉफ्टवेयर? वो तो एक्सेल ही होगा ना कि एक्सेल ज्यादा टाइम लेती है। सॉफ्टवेयर में इतना टाइम नहीं लेते।
30:15
Sजी को अगर एक वर्ड में डिस्क्राइब करना हो तो आई कैन से द वन टच सॉल्यूशन।
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और डिलीशियस फूड को अगर एक वर्ड में डिस्क्राइब करना हो तो कमिटेड टू टारगेट। ऐसा हम कहेंगे क्योंकि
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हम हमारे जो गोल है उस पे हम कमिटेड हैं। देसी फूड या पिज़्ज़ा?
30:33
ऑलवेज देसी फूड। पहले बार कौन सी कंट्री का था? स्पेन का दिवस भाई। सो आपसे बातें करके
30:41
काफी मजा आया। नए एक्सपर्टर को या फिर जो भी बिजनेस ओनर ग्रो करना चाहते हो उसको
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आपकी जर्नी से काफी कुछ सीखने को मिलेगा। क्योंकि वििन फ्यू इयर्स आपने 120 करोड़
30:54
का बिजनेस खड़ा किया है। आपकी स्ट्रगल, आपके एक्सपीरियंसेस वो सब कुछ शेयर किया
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है सबके साथ। तो आपकी यह जर्नी काफी इंस्पायरिंग है और होपफुली हम अपने
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लिसनर्स को इस इंडस्ट्री के बारे में, आपके एक्सपीरियंस के बारे में शेयर करके
31:12
उसकी कुछ हेल्प कर पाए। थैंक यू सो मच। थैंक यू फॉर योर टाइम। ओके दोस्तों, तो
31:17
मिलते हैं अगले एपिसोड में एक नए एक्सपर्ट के साथ। तब तक के लिए एक्सपोर्ट करना है
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स्मार्ट तो कीजिए के साथ स्टार्ट।