With Shipzy, we have significantly reduced document errors, resulting in smoother customs clearance and improved customer satisfaction. It's easy to find all documents in one place. Show More
Tiles Exporter - Morbi
How He Built a ₹120 Cr Dehydrated Food Export Business | Ft. Divyesh Senta | Export Software Part 1
This episode dives into the dehydrated‑food market with entrepreneur Divyesh Senta. Learn what it takes to scale from a local plant to supplying 48 countries.
Introduction
0:04
रोलिंग एक्शन
0:10
नमस्ते लिसनर्स वेलकम टू चाय विथ एक्सपोर्ट के एक्सपर्ट पावर्ड बाय Shipzy यह पॉडकास्ट
0:16
उन बिजनेस ओनर्स के लिए है जो एक्सपोर्ट में नहीं है या ऑलरेडी एक्सपोर्ट
0:21
इंडस्ट्री में है बट ग्रो करना चाहते हैं विथ सिस्टम फास्ट स्मार्ट एंड टेक इनेबल इस
0:28
पॉडकास्ट में हम बात करते हैं रियल एक्सपोर्टर से, उनके एक्सपीरियंसेस, उनकी स्ट्रगल और कैसे उन्होंने अपने बिजनेस को
0:36
टॉप पे लाया है विथ राइट माइंडसेट एंड हार्ड वर्क। मैं हूं पीनल कोफाउंडर ऑफ़
0:41
Shipzy एक्सपोर्ट सॉफ्टवेयर। Shipzy एक इजी टू यूज़ सॉफ्टवेयर है जो एक्सपोर्टर को हेल्प
0:47
करता है अपने डेली बिजनेस ऑपरेशन को मैनेज करने में फ्रॉम बयर सेल्स कॉन्ट्रैक्ट टू
0:53
बीआरसी क्लोज़। आज के हमारे गेस्ट है एक ऐसे पर्सन जो कोई ट्रेडिशनल बिजनेस फैमिली
1:00
से नहीं आते। उसके पास ना तो कोई बिग बैकअप था और ना ही कोई बिग फाइनेंसियल
1:05
सपोर्ट था। उस उन्होंने अपने हार्ड वर्क, डेडिकेशन और बिलीफ से 120 करोड़ का बिजनेस
1:13
खड़ा किया है। और उनकी कंपनी डिलीशियस फूड आज डिहाइड्रेट फूड इंडस्ट्री में एक
1:19
ट्रस्टेड ब्रांड है और दिव्येश भाई खुद एक सेल्फ मेड बिजनेसमैन है। सो प्लीज वेलकम
1:25
दिव्येश भाई। थैंक यू। कैसे हो आप? बस बढ़िया। ओके। तो बिजनेस की बात और इंडस्ट्री की
1:30
बात तो हम बाद में करेंगे कि आपने कैसे यहां तक का सफर तय किया है। लेकिन पहले हम
1:36
स्टार्ट करते हैं आपके चाइल्डहुड से कि आपका बचपन कैसा रहा? बचपन में आप कैसे थे?
1:43
आपका फैमिली बैकग्राउंड क्या रहा है? उसके बारे में आप थोड़ा सा शेयर कीजिए। मैडम मैं एक मिडिल क्लास फैमिली से हूं।
1:50
जैसे आमतौर के बच्चे रहते हैं। मेरे फादर है वह टीचर थे प्राइमरी में
1:56
और आम बच्चों की तरह ही मेरा चाइल्डहुड रहा। मेरे को क्रिकेट का हॉबी था और स्वीट
2:03
प्लेइंग होता है ना ऐसे ही हम गली क्रिकेट खेलते ही बड़े हुए हैं। और छोटे थे तब तो
2:09
क्या होता था कि हर मिडिल क्लास बच्चे की तरह हमारे कोई सपने ही नहीं थे क्योंकि हमें कोई ऐसी चीज ही नहीं थी हमारे पास कि
2:16
हम कोई बड़ा देख पाते। लेकिन बचपन में क्या था के एक न्यूज़ पेपर आया करता था
2:23
हमारे यहां लोकल ही वो सौराष्ट्र का था सौराष्ट्र समाचार करके अभी वो दिव्य भास्कर का है
2:30
तो वो पिताजी लेते थे तो वो पढ़ते थे तो उसमें से कई कई बार थोड़ा-थोड़ा पढ़ते थे तो उसमें आता था कि सचिन तेंदुलकर का ये
2:38
आता था तो वो पढ़ते थे तो फिर ये बिजनेसमैन जैसे कि धीरूभाई अंबानी का उस टाइम बहुत टाइम था तो धीरूभाई ने किया वो
2:45
तो उस टाइम हम पढ़ते थे तो और हमें पिताजी भी बताया करते थे धीरू भाई ने
2:50
जीरो में से एक किया इतने बड़े बिजनेसमैन है तो वो सब सुना करते थे लेकिन उस टाइम
2:55
तो क्या था कि भाई हमारी तो कोई हैसियत है नहीं हमारे पास बैकग्राउंड है नहीं तो और
3:01
फैमिली का में भी ऐसा ही एटमॉस्फियर था कि हमें बस पढ़ाई करनी है और पढ़ाई करने के
3:07
बाद जो काम करना है वो छोटी-मोटी जॉब लेके आगे बढ़ना है। बस उसके अलावा कुछ नहीं था।
3:14
तो हम कह सकते हैं कि जो आपने ये न्यूज़ पेपर पढ़ के ही मोटिवेशन लिया है पूरा
3:19
बिजनेस का क्योंकि आपके फैमिली में से तो कोई बिजनेस में था नहीं। तो मेंटली न्यूज़पेपर ने आपको काफी हेल्प
3:26
किया है। हां उसमें भी मैं एक बात बता देना चाहता हूं कि मेरे फादर टीचर थे लेकिन बेसिकली
3:33
तो हम फार्मर ही थे। हम तो समझ लीजिए कि हमारा जो बैकग्राउंड फार्मिंग का है बस उससे ज्यादा तो कुछ
3:41
नहीं है। हम और जनरली जिसके भी पेरेंट्स टीचर होते हैं उसका स्टडी को लेके एक स्ट्रिक्ट
3:47
बिहेवियर रहता है। तो आपके फैमिली में भी क्या सेम था कि आपका फैमिली के साइड से
3:52
स्टडी का प्रेशर था या फिर नॉर्मल ही था कि आपको जो भी करना है। नहीं आप सही है कि
3:58
वो तो स्ट्रिक ही था कि पिताजी भी करते थे और मेरी मदर भी मेरे को ये करती थी कि
4:05
नहीं तुम पढ़ाए और मैं तो एवरेज स्टूडेंट था। मैंने कभी आप समझ ना डिस्टिंशन पार
4:10
किया ही नहीं है कभी लाइफ टाइम में वो मैं फैक्ट बता रहा हूं। तो क्या होता था कि वो
4:16
सब मेरे को बोलते थे कि भाई तू पढ़ाई में अच्छा है नहीं तू क्या करेगा? तेरे को जॉब नहीं मिलेगी। लेकिन फादर का एक इंटेंशन
4:24
बहुत अच्छा था कि वो पढ़ाई के लिए कहते तो थे लेकिन वो एक चीज दूसरी भी कहते थे तुम
4:30
जो भी काम करो उसमें कोई प्रॉब्लम नहीं है लेकिन दिल लगा के मन लगा के करो तुम किसी
4:35
भी क्षेत्र में जाओगे आगे ही बढ़ोगे तो पिताजी का वो पॉजिटिव माइंडसेट था वो तो
4:42
था और अभी भी है वो पैशन होना चाहिए वो काम करने के लिए
4:47
सही है और आपका जो ये चाइल्डहुड का हॉबी था क्रिकेट तो फेवरेट क्रिकेटर कौन सा था
4:52
आपका? सचिन तेंदुलकर ही थे। हां। क्योंकि अब टाइम के में तो सचिन का ही था और 96 का जो
4:59
वर्ल्ड कप था तो वो हमने पूरा देखा ही करते थे क्योंकि उस टाइम मेरी उम्र 11 साल
5:05
की थी तो उस टाइम सचिन का बहुत अच्छा क्रिकेटिंग चल रहा था और हमें बस दूसरी
5:11
कोई गेम का तो नॉलेज ही नहीं था। बस क्रिकेट क्रिकेट और क्रिकेट बाकी और गोल भी नहीं था क्योंकि हमारे पास लिमिटेड जो
5:19
भी चीजें थी वो लिमिटेड ही थी। तो हम अपने लिसनर्स को भी यह कह सकते हैं कि ऐसा नहीं है कि जो टॉपर है वही बिजनेस कर सकते हैं।
5:27
एक एवरेज स्टूडेंट भी 120 करोड़ का बिजनेस चला रहा है आज। तो अगर आपका पेशेंस है और
5:33
इंटरेस्ट है उस एरिया में तो आप भी अपना जो टारगेट है वह अचीव कर सकते हो। आपने जो
5:40
एजुकेशन है यह बिजनेस के लिए क्या स्टडी किया है कौन से साल में किया है थोड़ा सा
5:46
बता सकते हो ताकि हम यह भी समझ पाए कि एजुकेशन कितना मैटर करता है एक्सपोर्ट के
5:52
लिए या कोई भी बिजनेस करने के लिए नहीं एजुकेशन तो बहुत मैटर करता है क्योंकि आपके पास इंफॉर्मेशन होगी तो ही
5:58
आप आगे बढ़ पाएंगे और उसमें भी क्या है कि आपको टेक्नोलॉजी का नॉलेज है या तो फिर
6:04
इंग्लिश लैंग्वेज का नॉलेज है वो सब होना जरूरी है। मैंने बीएससी किया। बीएससी के
6:11
बाद एमएससी केमिस्ट्री में किया और केमिस्ट्री एमएससी करने के बाद एमबीए मार्केटिंग में राजकोट से किया। फिर मैंने
6:17
एमएससी करके मेरे बहुत सारे जो फ्रेंड है उन लोगों ने उस टाइम में अच्छी-अच्छी
6:22
केमिकल कंपनी या तो फार्मासटिकल में सब ने जॉब ले ली। लेकिन मेरा दिमाग कह रहा था कि
6:28
नहीं यार ये 2 5000 10000 15000 की जॉब से मेरा कुछ नहीं होने वाला। जब मैं
6:33
ग्रेजुएशन में था तभी मेरे दिमाग में एक चीज फिक्स हो गई थी कि मेरे को बिजनेस ही
6:39
करना है। उस टाइम मैं सोच रहा था कि बिजनेस चालू कैसे हो क्योंकि जो बैकग्राउंड था वो तो जीरो ही था। तो फिर
6:45
उसके लिए मैंने एलबोरेट करने के लिए एमबीए किया और मैंने सोचा कि एमबीए करूंगा तो थोड़ा कुछ बिजनेस के बारे में कुछ आइडियाज
6:52
भी आ जाएंगे। हम तो फिर मैंने एमबीए चालू कर दिया और एमबीए जब मेरी एमबीए की पढ़ाई चल रही थी ना तब
7:00
मेरा लोकली यहां जो हमारे मवा के चारप जो फ्रेंड्स थे वो मिला करते थे तो हमारा एक
7:07
ग्रुप था तो हम बैठते थे तो उसने बोला कि भाई तुम एक काम करो तुम एमबीए कर रहे हो तुम्हें इंग्लिश का लैंग्वेज का अच्छा
7:13
नॉलेज है तो एक काम करते हैं ना हम हमारा यहां लोकली डिहाइड्रेट अनियन का बिजनेस है
7:19
और वो पूरे वर्ल्ड में एक्सपोर्ट होता है अनियन तो तो हम वो वो एक्सपोर्ट का और
7:24
मैन्युफैक्चरिंग का चालू करते हैं। तो मैंने सोचा कि चलो कोई बात नहीं करते हैं। ऐसे ही करके हमने चार पांच लोगों ने पहले
7:31
स्टार्ट किया था और वैसे ही स्लोली मेरी जर्नी एक बिजनेस के लिए स्टार्ट हुई थी। और उस टाइम को मैं
7:39
उस टाइम में भी मैं आपको एक चीज बता दूं। उस टाइम भी मैंने जब एक्सपोर्ट का बिज़नेस चालू किया या तो फिर ये जो एक फैक्ट्री
7:46
बनाने की बात आई तो उसमें मेरा इन्वेस्टमेंट जीरो था। वो मेरे जो फ्रेंड लोग थे उसने बोला कि हम तेरा इन्वेस्टमेंट
7:53
करेंगे और जब प्रॉफिट होगा उसमें से तू मेरे को दे देना। तो मैंने बोला कि कोई
7:59
बात नहीं हम ऐसे ही काम चालू करते हैं। ये आपने कॉलेज जब आपका एमबीए रनिंग था तभी बिजनेस स्टार्ट कर दिया था या फिर कंप्लीट
8:06
होने के बाद स्टार्ट किया? आप ऐसा समझ लीजिए कि लास्ट टाइम था मेरा बिजनेस का। तब तब से ही थोड़ा बहुत चालू
8:13
कर दिया। जैसे ही एमबीए कंप्लीट हुआ तब से मैंने कंपनी रजिस्ट्रेशन करवा लिया और बाकी का फैक्ट्री का मैन्युफैक्चरिंग के
8:20
लिए हमने एक जगह भी ले ली और बिजनेस स्टार्ट करने का सोच लिया सब लोगों ने
8:26
पांच छह लोग थे फिर क्या हुआ कि थोड़े दो-ती महीने बाद बिल्डिंग का बांध चालू
8:33
करने का था तो उस टाइम सब लोगों ने नेगेटिव हो गए कि भाई दो-तीन लोग कि भाई
8:39
इतना बड़ा इन्वेस्टमेंट है कहीं प्रॉब्लम हो गया ये होगा ते होगा बाद में दो-ती महीने बाद सारे फ्रेंड्स लोगों ने बोला कि
8:45
भाई नहीं हम नहीं करने वाले क्योंकि उन लोगों का तो सबका खुद का बिजनेस था ही। फिर थोड़े दिन बाद वो सब अलग हो गए। तो
8:52
फिर मैंने बोला कि भाई ये कंपनी का रजिस्ट्रेशन हमने करवाया है। आप लोगों को कोई प्रॉब्लम नहीं है। तो ये कंपनी मैं एज
8:59
ए ट्रेडर रनिंग करूं। तो उसने बोला कि कोई प्रॉब्लम नहीं। और मेरा एक कजिन ब्रदर था। तो उसने बोला कि तुम ये बिनेस करो।
9:06
तुम्हें जो ट्रेडिंग में तुम्हें जो सपोर्ट चाहिए वो मैं तुम्हें करूंगा फाइनशियली। तो ऐसे मेरे कजिन की एक छोटी
5:58
आप आगे बढ़ पाएंगे और उसमें भी क्या है कि आपको टेक्नोलॉजी का नॉलेज है या तो फिर इंग्लिश लैंग्वेज का नॉलेज है वो सब होना जरूरी है।
6:04
मैंने बीएससी किया। बीएससी के बाद एमएससी केमिस्ट्री में किया और केमिस्ट्री एमएससी करने के बाद एमबीए मार्केटिंग में राजकोट से किया।
6:11
फिर मैंने एमएससी करके मेरे बहुत सारे जो फ्रेंड है उन लोगों ने उस टाइम में अच्छी-अच्छी केमिकल कंपनी या तो फार्मासटिकल में सब ने जॉब ले ली।
6:22
लेकिन मेरा दिमाग कह रहा था कि नहीं यार ये 2 5000 10000 15000 की जॉब से मेरा कुछ नहीं होने वाला।
6:33
जब मैं ग्रेजुएशन में था तभी मेरे दिमाग में एक चीज फिक्स हो गई थी कि मेरे को बिजनेस ही करना है।
6:39
उस टाइम मैं सोच रहा था कि बिजनेस चालू कैसे हो क्योंकि जो बैकग्राउंड था वो तो जीरो ही था।
6:45
तो फिर उसके लिए मैंने एलबोरेट करने के लिए एमबीए किया और मैंने सोचा कि एमबीए करूंगा तो थोड़ा कुछ बिजनेस के बारे में कुछ आइडियाज भी आ जाएंगे।
6:52
हम तो फिर मैंने एमबीए चालू कर दिया और एमबीए जब मेरी एमबीए की पढ़ाई चल रही थी ना तब मेरा लोकली यहां जो हमारे मवा के चारप जो फ्रेंड्स थे वो मिला करते थे तो हमारा एक ग्रुप था।
7:07
तो हम बैठते थे तो उसने बोला कि भाई तुम एक काम करो तुम एमबीए कर रहे हो तुम्हें इंग्लिश का लैंग्वेज का अच्छा नॉलेज है तो एक काम करते हैं ना हम हमारा यहां लोकली डिहाइड्रेट अनियन का बिजनेस है और वो पूरे वर्ल्ड में एक्सपोर्ट होता है अनियन तो तो हम वो एक्सपोर्ट का और मैन्युफैक्चरिंग का चालू करते हैं।
7:24
तो मैंने सोचा कि चलो कोई बात नहीं करते हैं। ऐसे ही करके हमने चार पांच लोगों ने पहले स्टार्ट किया था और वैसे ही स्लोली मेरी जर्नी एक बिजनेस के लिए स्टार्ट हुई थी।
7:39
और उस टाइम को मैं उस टाइम में भी मैं आपको एक चीज बता दूं। उस टाइम भी मैंने जब एक्सपोर्ट का बिज़नेस चालू किया या तो फिर ये जो एक फैक्ट्री बनाने की बात आई तो उसमें मेरा इन्वेस्टमेंट जीरो था।
7:46
वो मेरे जो फ्रेंड लोग थे उसने बोला कि हम तेरा इन्वेस्टमेंट करेंगे और जब प्रॉफिट होगा उसमें से तू मेरे को दे देना।
7:53
तो मैंने बोला कि कोई बात नहीं हम ऐसे ही काम चालू करते हैं।
7:59
ये आपने कॉलेज जब आपका एमबीए रनिंग था तभी बिजनेस स्टार्ट कर दिया था या फिर कंप्लीट होने के बाद स्टार्ट किया?
8:06
आप ऐसा समझ लीजिए कि लास्ट टाइम था मेरा बिजनेस का। तब तब से ही थोड़ा बहुत चालू कर दिया।
8:13
जैसे ही एमबीए कंप्लीट हुआ तब से मैंने कंपनी रजिस्ट्रेशन करवा लिया और बाकी का फैक्ट्री का मैन्युफैक्चरिंग के लिए हमने एक जगह भी ले ली और बिजनेस स्टार्ट करने का सोच लिया सब लोगों ने।
8:26
पांच छह लोग थे फिर क्या हुआ कि थोड़े दो-ती महीने बाद बिल्डिंग का बांध चालू करने का था तो उस टाइम सब लोगों ने नेगेटिव हो गए कि भाई दो-तीन लोग कि भाई इतना बड़ा इन्वेस्टमेंट है कहीं प्रॉब्लम हो गया ये होगा ते होगा।
8:39
बाद में दो-ती महीने बाद सारे फ्रेंड्स लोगों ने बोला कि भाई नहीं हम नहीं करने वाले क्योंकि उन लोगों का तो सबका खुद का बिजनेस था ही।
8:45
फिर थोड़े दिन बाद वो सब अलग हो गए।
8:52
तो फिर मैंने बोला कि भाई ये कंपनी का रजिस्ट्रेशन हमने करवाया है। आप लोगों को कोई प्रॉब्लम नहीं है। तो ये कंपनी मैं एज ए ट्रेडर रनिंग करूं।
8:59
तो उसने बोला कि कोई प्रॉब्लम नहीं। और मेरा एक कजिन ब्रदर था। तो उसने बोला कि तुम ये बिनेस करो। तुम्हें जो ट्रेडिंग में तुम्हें जो सपोर्ट चाहिए वो मैं तुम्हें करूंगा फाइनशियली।
9:14
सी 10/10 की ऑफिस थी 10 फुट बाय 10 की उसके अंदर ही मैंने एक लैपटॉप लेके ट्रेडिंग चालू कर दिया था 2009 के मई महीने के अंदर में एक मैंने लैपटॉप लेके बिजनेस चालू कर दिया।
9:24
तो फिर उस टाइम पे वो जो आपने फैक्ट्री का सेटअप लगाया था वो क्लोज कर नहीं वो तो फिर वो लैंड बेच दी और फिर सब लोग अलग हो गए और फिर मैंने एयर ट्रेडिंग का बिज़नेस चालू किया।
9:36
धीरे-धीरे पहले तो मैं डीएड का नहीं करता था क्योंकि उसमें में क्या होता था कि फाइनेंस की जरूरत ज्यादा रहती थी तो मैंने फ्रेश अनियन फ्रेश पोटैटो फ्रेश गार्लिक उसका चालू किया और 6 8 महीने 10 महीने में दो चार पांच ऑर्डर आए और मेरा कॉन्फिडेंस बढ़ा कि नहीं मैं ये काम कर सकता हूं।
9:49
और मैं आपको बताऊं कि पहले तो इतना जुस्सा था कि नहीं कुछ करके ही दिखाना है तो सुबह 10:00 बजे ऑफिस जाता था रात 12 12:00 बजे तक काम करता रहता था बाहर ढूंढता रहता था इंटरनेशनल कॉलिंग करता था कि भाई हम ये है ये हमारा इंट्रोडक्शन पूरी कंपनी का है वो चालू ही रहता था।
10:09
वो उस टाइम जोश ही इतना था कि नहीं कुछ करना ही है करना ही है। तो उसकी वजह से क्या हुआ? 6 आठ महीने के अंदर पहला ऑर्डर आया बाद में दो चार पांच ऑर्डर आए तो थोड़ा कॉन्फिडेंस बढ़ा।
10:22
तो इनिशियली मतलब फाइनशियली इतना स्ट्रांग बैकग्राउंड नहीं होने की वजह से आपने ट्रेडिंग का बिनेस किया।
10:27
हां ट्रेडिंग का किया। तो ट्रेडिंग में क्या था? थोड़ा बहुत डेबिट भी मिल जाता था। काम भी थोड़ा ही था तो इतने पैसे की जरूरत भी नहीं होती और ऑपरेटिंग जो कॉस्ट थी वो मेरा कजिन ब्रदर मेरे साथ पार्टनरशिप में ही था तो उसने वो ऑपरेटिंग कॉस्ट वो चला लेता था तो कोई दिक्कत नहीं आती थी।
10:33
क्या था? थोड़ा बहुत डेबिट भी मिल जाता था। काम भी थोड़ा ही था तो इतने पैसे की जरूरत भी नहीं होती और ऑपरेटिंग जो कॉस्ट
10:39
थी वो मेरा कजिन ब्रदर मेरे साथ पार्टनरशिप में ही था तो उसने वो ऑपरेटिंग
10:45
कॉस्ट वो चला लेता था तो कोई दिक्कत नहीं आती थी। ओके। तो आप थोड़ा सा यह बता सकते
Pre Delicious Food Journey
10:51
हो कि आपका जो ट्रेडिंग बिजनेस है वहां से डिलीशियस फूड आपने कैसे स्टार्ट किया और वो कैसी जर्नी रही आपकी पूरी?
10:57
उसके अंदर फिर क्या हुआ कि एक दो साल ट्रेडिंग किया। फिर क्या हुआ? ये चल रहा था। अभी थोड़ा-थोड़ा बहुत काम बढ़ा तो 2013 में थोड़ा बढ़ा।
11:05
फिर 13 के बाद में 14 आया और 14 के अंदर मेरा ट्रेडिंग तो चालू ही था। फिर मैंने अपना खुद का ही काम चालू कर दिया था।
11:13
तब मेरे पास कोई पार्टनर नहीं था। मेरा जो कजिन ब्रदर था उसने तो मेरे को सपोर्ट करने के लिए किया था।
11:19
तो फिर अभी क्या होता है? मेरी फाइनेंस की जरूररत थोड़ी बढ़ गई थी। तो उसने बोला कि तू भी कैपेबल हो गया थोड़ा बहुत। तो तेरे से तेरा चल रहा है तो तू चला ले।
11:30
तो मैंने बोला कोई बात नहीं है। उसकी बात भी सही थी और मैंने भी उसे बोला कि वो सही बात है। फिर मेरा काम चल रहा था। मेरे पास थोड़े बहुत पैसे भी बचे थे और मेरा मार्केट में नाम भी हो गया था।
11:43
तो थोड़े आगे पीछे आगे पीछे करके चल रहा था। लेकिन सबसे बड़ा माइलस्टोन वहां रहा 2014 में।
11:49
2014 में क्या हुआ कि अनियन का क्रॉपलेस हुआ और उसकी वजह से मार्केट ऊपर चला गया और 14 के साल के अंदर मेरा बिजनेस जो 5 7 10 कंटेनर का काम था वो जीरो हो गया ऑलमोस्ट क्योंकि प्राइस इतना बढ़ गया था।
12:09
मेरे जो कस्टमर मेरे पास 101 कस्टमर थे उन लोगों ने क्या हुआ कि कोई किसी ने चाइना या तो इजिप्ट दूसरा ऑप्शन ढूंढ लिया हम तो फिर क्या हुआ कि ऑपरेटिंग कॉस्ट भी निकलनी बंद हो गई और धीरे-धीरे प्रॉब्लम चालू हो गया।
12:25
तो फिर उस टाइम मेरे को बहुत सेडबैक आया और मेरे को लगा कि भाई अब यह बिज़नेस मैं रन नहीं कर पाऊंगा और बहुत बड़ा प्रॉब्लम होगा।
12:31
और आगे चलके भी मेरे को ऐसा लगा कि चलो यह बिज़नेस मेरे को बंद कर देना चाहिए और इसके लिए मैंने 2014 में एक दो बार ट्राई भी की कि भाई चलो यह बिज़नेस बंद करके दूसरी जगह पे अच्छी जॉब ढूंढ लेते हैं।
12:44
तो जहां से हमारा जो फाइनशियल प्रॉब्लम है वह सॉल्व हो जाए। टाइम में वो बोलते हैं ना कि भगवान की ने जो सोचा वही होता है।
12:50
मेरा इतना एक्सपीरियंस था। मेरा मार्केटिंग अच्छा था। सब कुछ अच्छा था। मेरे अंडर में चारप लड़के काम कर रहे थे।
12:56
और मैं जॉब ढूंढने निकला तो मैंने दो चार पांच जगह से बोला कि भाई हेलो मेरे को यह काम है एक्सपीरियंस है। सब कुछ दिया।
13:02
तो उन लोगों ने बोला कि नहीं नहीं अब जरूरत नहीं है या तो कई जगह पर कोई ने बोला कि फिर जरूरत होगी तो बुला लेंगे।
13:09
मैंने सोचा यार जॉब नहीं मिलेगी। फिर दो चार पांच महीने ऐसेसे चला आया और छ आठ महीने के बाद वापस थोड़ा बहुत स्लोली स्लोली चालू हुआ और उसके बाद तो कोई प्रॉब्लम हुआ ही नहीं।
13:26
तो ये कह सकते हैं कि जॉब ना मिलने की वजह से हां आपका ये बिनेस पक्का जो जॉब मिल गई होती तो यहां नहीं पहुंचे। और यह आपने 2014 में मतलब ऐसा फील...
Pre Delicious Food Journey
13:35
हुआ कि अभी यह नहीं हो पाएगा। तो 2009 से लेके 2014 तक मतलब फाइव ईयर ऑलमोस्ट उस टाइम तक आपने मतलब कैसे सस्टेन किया? पहला बयर का ऑर्डर कंफर्म होने में कितना टाइम लगा था? पहले कंपनी स्टार्ट करने के बाद पहला ऑर्डर मेरे को 8 महीने के आसपास मिला था।
13:56
8 महीने बाद। ऑलमोस्ट 8 मंथ। तो हम अपने लिसनर्स को भी यह बता सकते हैं कि आपको थोड़ा सा पेशेंस रखना पड़ेगा कोई भी बिजनेस में। ऐसा नहीं कि आज आपने स्टार्ट किया और 15 दिन में आपका आर्डर आ जाएगा क्योंकि ऑलमोस्ट 8 मंथ लॉन्ग टाइम कि पहला बायर का ऑर्डर कंफर्म होने में भी इतना टाइम लग सकता है। और ये पहला बायर आपका कौन सी कंट्री का था और ये ऑर्डर आपको कैसे मिला?
14:22
मेरा जो पहला बायर था ना वो फ्रेश अनियन का था और वो मेरे को एक यूके का बायर था और उसका सप्लाई जा रहा था वेस्ट अफ्रीका में तो उसने मुझे यूके से ऑर्डर दिया था और मेरे को जो कार्गो है वो वेस्ट अफ्रीका भेजना था वो फ्रेश अनियन का
14:43
था तो पहला ऑर्डर आपका फ्रेश अनियन का हां फ्रेश अनियन का और डीहाइड्रेट अनियन एंड गार्लिक का आपको फर्स्ट ऑर्डर कब मिला वो फिर मैंने 2010 के अंदर फ्रेशियन गार्लिक का थोड़ा बहुत चल रहा था। फिर मैंने 2011 के अंदर मैंने फिर धीरे-धीरे डिहाइड्रेट के बारे में सोचना चालू किया।
15:01
मार्केटिंग चालू किया और सभी लोगों को ये करना चालू किया। तो बाद में 10 के एंड में ही पहला ऑर्डर स्पेन से आया था। वो डिहाइड्रेट फ्लेक्स का था।
15:15
तो स्पेन का था फर्स्ट कस्टमर। उस कस्टमर को आपने कैसे अप्रोच किया था? क्या होता था? कस्टमर तो इंटरनेट पे मैं ढूंढता रहता था कि भाई किसी को अनियन डिहाइड्रेट का कौन-कौन सी कंपनी ले रही है? स्पाइसेस कंपनी ये ऐसे तो उसमें से मुझे एक कंपनी मिली। बहुत सारी कंपनियों का कांटेक्ट किया।
15:28
उसमें से एक कंपनी कन्विंस हुई कि हां हमें डिहाइड्रेट अनियन फ्लेक्स की जरूरत है। तो उसने बोला कि तुम सैंपल भेजो। मैंने उसका सैंपल भेजा। सैंपल अप्रूव हो गया। फिर एकद महीने थोड़ा पेमेंट ये वो सब टर्म्स में निकल गए। बाद में वो एक महीने के बाद उसने कन्विंस होके उसने बोला कि चलो हम करेंगे काम
15:51
और जो मतलब डिहाइड्रेट इंडस्ट्री के बारे में नहीं जानते उसके लिए आप थोड़ा सा एलबोरेट कर सकते हो कि डिहाइड्रेट अनियन एंड गार्लिक एक्चुअल में क्या होता है और यह डिहाइड्रेट इंडस्ट्री क्या है अगर किसी को एक्सपोर्ट करना है उस इंडस्ट्री में या अपना बिजनेस स्टार्ट करना है तो क्या-क्या बेसिक रिक्वायरमेंट होती है
16:12
आप अगर थोड़ा सा बता सको डिहाइड्रेट अनियन है ना वो वो सेम लाइक पोटैटो होता है के पोटैटो में हम जो चिप्स खाते हैं बालाजी का चिप्स आता है तो बालाजी का चिप्स वो फ्राई किया होता है तो फ्रेश पोटैटो काट के रोस्टिंग के ऊपर ड्राई किया जाता है उसमें से जो वाटर होता है उसको डिहाइड्रेट किया जाता है
16:27
सेम चीज अनियन में होती है कि अनियन को वॉश करके कटिंग करके उसको एक रोस्टर के अंदर समझ लीजिए रोस्ट करके डिहाइड्रेशन प्रोसेस होती है उसमें से पानी निकाल दिया जाता है तो वो ड्राई हो जाती है। फिर उसके अंदर जो होते हैं उसका डिफरेंट-डिफरेंट साइजिंग करते हैं कि भाई पाउडर बनाना है तो क्रशिंग कर देते हैं।
16:45
छोटे साइज करना है तो एस पर द कस्टमर रिक्वायरमेंट हम करते हैं। और गार्लिक में भी सेम रहता है। गार्लिक में जो उसकी कली आती है उसको भी ऐसे ही करते हैं। गार्लिक को वॉश करके उसका ब्रेकिंग करके एक मशीन आता है। उसके अंदर स्किन रिमूविंग हो जाती है।
16:59
उसके बाद में रोस्टिंग ही करना होता है। ओके। और उसके बाद ये प्रोडक्ट जो डिहाइड्रेट हो जाती है उसका मेन यूज़ केस क्या है? मतलब कहां पे यह डिहाइड्रेटेड प्रोडक्ट यूज़ होती है। जैसे कि रेडी टू ईट फूड में यूज़ होती है या कौन से सेक्टर में उसकी ज्यादा डिमांड है?
17:19
मैं आपको एक बात बता दूं कि डिहाइड्रेट अनियन प्रोडक्ट्स है ना उसको आप वापस पानी में डालोगे ना तो वो 80% फ्रेश अनियन जैसा हो जाएगा। 80 या 90% है। ऑलमोस्ट अनियन फ्रेश अनियन जैसा।
17:31
तो आप समझ लीजिए ना कि डिहाइड्रेट अनियन ऐसी चीज है कि जहां पे हमारे पास फ्रेश अनियन अवेलेबल नहीं है तो हम डिहाइड्रेट अनियन को फ्रिज में या तो किसी जगह पे रखते हैं। फिर हमें फ्रेश अनियन की जरूरत है तब हम फ्रिज में से निकाल के पाउच तोड़ के उसको पानी में डालेंगे तो ये फ्रेश ओनियन हो जाती है।
17:44
तो एक हम डोमेस्टिक यूज़ में पेस्ट मेकिंग या तो कोई भी फ्रेश ओनियन का जहां भी यूज़ हो कर सकते हैं। और दूसरी जगह है कि इंग्रेडिएंट्स इंडस्ट्री में या तो कंडीमेंट्स इंडस्ट्री के अंदर अनियन पाउडर है और उसके अनियन के डिफरेंट-डिफरेंट साइज है सेम लाइक गार्लिक
18:07
आल्सो जैसे कि वेफर्स और नूडल्स ये सब में पाउडर में यस सॉसेस में सभी इंडस्ट्रीज में वी कैन यूज़ ये जो हम डिहाइड्रेट कर रहे हैं अनियन एंड गार्लिक उससे उसकी सेल्फ लाइफ्स है वो
18:14
कैन यूज़ ये जो हम डिहाइड्रेट कर रहे हैं अनियन एंड गार्लिक उससे उसकी सेल्फ लाइफ्स है वो
Is Shelf Life Extend Dehydrated Products?
18:20
एक्सटेंड हो जाती है। अह हां वह तो पक्का है क्योंकि जिसमें वाटर कंटेंट आता है
18:26
तो उसकी वजह से वह जो हमारा डिहाइड्रेशन करते हैं तो उसकी वजह से उसमें वाटर कंटेंट नहीं रहता। उसके मॉइस्चर लेवल है
18:33
वो 90 से लेके से तक आ जाता है। तो उसकी वजह से उसका शेलफ लाइफ 2 साल तक तो मिनिमम
18:40
रहता है। और आप फ्रिज में रखेंगे या 10 डिग्री टेंपरेचर पे रखेंगे तो 2 साल तक तो कुछ
Important Document for Export Dehydrated Products
18:45
नहीं होगा। मतलब दो बेनिफिट है। एक तो रेडी टू यूज़ एंड सेकंड कि उसका सेल्फ लाइफ
18:51
एक्सटेंड और ये फूड एक सेंसिटिव सारी आइटम होती है। तो अगर अदर कंट्री में हमें एक्सपोर्ट
18:58
करना है तो जो नए एक्सपोर्टर है उसके लिए हम थोड़ा सा जानना चाहते हैं कि कोई डॉक्यूमेंट है जो मैंडेटरी लगता है जैसे
19:05
कि फसाइए फॉर एग्जांपल या आईएसओ ऐसे कोई सर्टिफिकेट मैंडेटरी होने चाहिए क्या ये
19:10
सब एक्सपोर्ट करने के लिए? हां उसमें क्या है मैडम कि पहले तो फूड के डॉक्यूमेंटेशन
19:16
में क्या होता है कि यहां की हमारी गवर्नमेंट बॉडीज के जो सर्टिफिकेट है कि भाई अपेडा है स्पाइसेस बोर्ड है उसका
19:24
रजिस्ट्रेशन होना जरूरी है। बाद में क्वालिटी के सर्टिफिकेट्स होते हैं जिसमें बीआरसी आ गया है या तो कस्टमर कौन सी
19:32
कंट्री का है उसकी कोई स्पेशल रिक्वायरमेंट है तो वो रहता है या तो हलाल
19:37
या तो कौशर जो भी कंट्री में हम एक्सपोर्ट करते हैं उसकी जो स्पेशल रिक्वायरमेंट रहती है वो डॉक्यूमेंटेशन जरूरी है। ओके।
For Pitch Customer Its Needed Document?
19:45
और आपके पास अगर सारे डॉक्यूमेंट है तो उससे मतलब बायर को कन्वेंस करने में या
19:52
फिर उसका ट्रस्ट बिल्ड करने में बेनिफिट होता है कि हमारे पास ये ये सर्टिफिकेट्स है।
19:57
हां वो तो पक्का है ना क्योंकि उसकी जो हमारा कस्टमर है वो फूड की कोई कंपनी है तो उसका ऑडिट सिस्टम होगा। तो हमारे
20:04
डॉक्यूमेंट्स है उसके ऑडिट के लिए उसको जरूरी लगते हैं क्योंकि वो हमारी कंपनी से वो परचेस कर रहे हैं तो उसको लगता है ना
20:11
कि एक कंपनी है वो उसका जो फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट है वो कौन सी सिस्टम पे चल रहा है
20:17
हमारा जो बीआरसी सर्टिफाइड है तो हमारा जो गुड्स हम बना रहे हैं उसमें बीआरसी का जो
20:23
कंप्लाइस आती है उसको सब हम फॉलो कर रहे हैं और कौन-कौन सी कंट्रीज में अभी ये
Which Country Has Highest Demand?
20:29
अनियन एंड गार्लिक डिहाइड्रेट प्रोडक्ट की डिमांड सबसे ज्यादा है ज्यादातर डिमांड तो
20:35
यूरोपियन कंट्री से ही है क्योंकि वहां क्या होता है कि फ्रेश वेजिटेबल इतना अवेलेबिलिटी नहीं होती है। इसलिए वे सबसे
20:43
ज्यादा तो यूरोपियन कंट्रीज में ही है। उसके अलावा भी मिडिल ईस्ट में भी जाता है,
20:49
फार ईस्ट में भी जाता है और साउथ अमेरिकन कंट्रीज में भी जाता है। तो अफ्रीकन
20:55
कंट्रीज में भी जाता है। साउथ अफ्रीका में भी जाता है। तो सभी जगह पे जाता है। लेकिन मोस्ट प्रोबेबबली वो लोग आपको 70%
21:02
एक्सपोर्ट है ये वो यूरोप में ही होता है। ओके तो हम यूरोप का ही एग्जांपल ले लेते हैं कि कोई भी नया एक्सपोर्टर है या किसी
In Europe What Certificate is Mandatory?
21:10
को भी यूरोप में एक्सपोर्ट करना है तो उसके लिए कोई मैंडेटरी सर्टिफिकेट है कि इतने सर्टिफिकेट आपके पास होने ही चाहिए।
21:16
हां यूरोप के अंदर बीआरसी सर्टिफिकेट तो लगता है। यूरोप के सारे जो सप्लायर है वो
21:22
पेंडेटरी बीआरसी तो लेते ही लेते हैं। हमारे जो डॉक्यूमेंटेशन है यहां का लोकल
21:27
वो फसाई है और अपेडा और स्पाइसेस बोर्ड वो चारप सर्टिफिकेट तो लगते ही है।
21:33
मतलब हमारे इंडियन गवर्नमेंट एंड कस्टम के जो डॉक्यूमेंट है उसके प्लस एक बीआरसी
21:39
रहता है यूरोप में एक्सपोर्ट करने के लिए। और ये जो अनियन का प्राइस एज ए कंज्यूमर हम भी जानते हैं कि प्राइस में बहुत सारा
How Manage Price Frustration?
21:46
फ्लक्चुएशन होता है। जैसे कि कभी ₹1 पर केजी भी होता है और कभी एकदम से हके ₹80
21:54
पर केजी तक चला जाता है प्राइस अनियन का। तो इतना प्राइस का फ्लक्चुएशन आप कैसे
21:59
मैनेज करते हो कि अगर एनुअली किसी बायर के साथ आपने ऑर्डर या कॉन्ट्रैक्ट कंफर्म कर
22:04
लिया उसके बाद प्राइस बढ़ गया तो ऐसी सिचुएशन में आप कैसे मैनेज करते हो यह सब?
22:10
ऐसी सिचुएशन के लिए पहले तो हम क्या बोलते हैं कि जब अनियन का सीजन स्टार्ट होता है
22:17
उस टाइम हम पहले तो जो फार्मर है उनसे जब फ्रेश ओन करते हैं उसके साथ भी हम
22:22
कमिटमेंट ले लेते हैं कि भाई इतना अनियन हम लेते हैं दूसरे लोगों से दूसरी फैक्ट्रियों से भी हम परचेस करते हैं
22:29
डिहाइड्रेट अनियन उनसे भी फॉरवर्ड में हम बुक कर देते हैं कि भाई हम इतना क्वांटिटी
22:36
आपके पास है डिहाइड्रेट अनियन में इतनी इतनी प्रोडक्ट्स लेंगे अभी तो हम वैसे ही
22:41
हमारा पूरा फॉरकास्ट करके प्लानिंग करके ही चलते हैं कि भाई हमारी इतनी रिक्वायरमेंट होगी तो उसके हिसाब से हम
22:48
पूरा जो कारगो है उसको प्रोक्योर करते हैं। एडवांस में ही करके रखते हैं। एडवांस
22:53
कभी कोई ऐसी सिचुएशन आ गई कि आपने ऑर्डर कंफर्म कर लिया उसके बाद ऑलमोस्ट प्राइस
22:59
डबल हो गया और आपको आर्डर डिलीवर करना पड़ा उस केस। हां वो वैसा भी होता है। कई
23:04
सारी बार ऐसा हुआ है। लेकिन हम करते हैं कि भाई ज्यादातर तो हमारे पास इतना डबल
23:11
जितना फर्क तो नहीं होता लेकिन 20 30 40% जितना प्राइस हक होता है और उसको हम मैनेज
23:17
कर लेते हैं। फिर हमें क्या होता है कि भाई कई सारे ऑर्डर के अंदर हमारा पैसा ये होता है कि भाई थोड़ा बहुत नुकसान होता
23:24
है। लेकिन वो क्या है कि एज अ पार्ट ऑफ बिनेस वी हैव टू हैंडल इट। और उससे ही कस्टमर का एक ट्रस्ट भी बिल्ड होता है कि
23:32
आप ऑर्डर डिलीवर कर रहे हो कोई भी सिचुएशन में। हां पक्का वो चीज़ तो है ना कमिटमेंट है।
23:38
हमने एक बार जो कमिट किया है तो वो कमिटमेंट हमारा पूरा तो करना ही पड़ेगा ना। अदरवाइज क्या होगा कि एक बार
23:45
हम कस्टमर को नहीं कमिटमेंट पूरा करेंगे तो वो कस्टमर कभी हमारी कंपनी से ये नहीं
23:50
करेगा। और हमारा जो इमेज है वो भी दूसरे कस्टमर को भी या तो मार्केट में भी पता चल
23:56
जाएगा ना कि इन लोगों ने जो कमिटमेंट था वो उसने पूरा नहीं किया कॉन्ट्रैक्ट पूरा नहीं किया
24:01
तो लॉन्ग टर्म एक रिलेशनशिप मेंटेन करने के लिए भी ये सबसे जरूरी हो जाता है।
24:07
हां वो सही बात है। बिनेस में तो मेरे ख्याल से मैं एक बात आपको बताऊं। प्रॉफिट को हम टारगेट करेंगे ना तो हमारा ग्रोथ
24:14
नहीं होगा। आप एक काम कीजिए कि बिनेस को टारगेट कीजिए। प्रॉफिट होता रहेगा। एक
24:19
टाइम आएगा आपको प्रॉफिट मिल जाएगा लेकिन आप अभी से ही प्रॉफिट्स को टारगेट करेंगे आपका ग्रोथ नहीं होगा क्योंकि लॉस और
24:26
प्रॉफिट दोनों बिनेस की दो साइड ही है कि कोई आदमी ऐसा है हो ही नहीं सकता कि 100%
24:32
प्रॉफिट ही करता जाए 80 20 का रेश्यो रहता है कि 80% प्रॉफिट होता है 20% कहीं ना
24:37
कहीं जगह पे आपको लॉस होता ही होता है। बस आपको डील करना आना चाहिए कि ये जब 20% केस
24:44
में लॉस हो रहा है तो ऐसी सिचुएशन को कैसे हैंडल करें। हां हम क्या करते हैं कि लॉस मिनिमाइज कर
24:50
सकते हैं क्योंकि बिजनेस में पूरी चीजें हमारे हाथ में रहती नहीं है। लेकिन जो जो
24:57
चीज हमारे हाथ में है उसे हम अच्छी तरह से हैंडल करेंगे तो 80% प्रॉफिट है उसको हम
25:03
90% तक ले जा सकते हैं। और जो 10% जितना लॉसेस इसके चांसेस है उसको हम कम कर सकते
25:09
हैं। ओके। और हम सब जानते हैं कि महुआ जो सिटी
Mahuva Helpful for Export as Native Place?
25:14
है आपका नेटिव प्लेस भी है वो एक डिहाइड्रेट इंडस्ट्री में सबसे टॉप है।
25:20
मतलब इंडिया में सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट महवा से ही होता है। तो यह आपका नेटिव प्लेस होने की वजह से आपको कुछ बिजनेस में बेनिफिट मिला है। आप मतलब बता सकते हो कि कोई अगर महुआ का हो उसको एक्सपोर्ट करना है डिहाइड्रेट अनियन एंड गार्लिक तो उसके लिए इजी रहता है थोड़ा बहुत।
25:37
हमारा डिहाइड्रेट वाइट ओनियन का एक्सपोर्ट है। पूरा इंडिया में नहीं पूरे एशिया में नंबर वन है। और वी कैन से दैट वी आर द लार्जेस्ट एक्सपोर्टर ऑफ़ डिहाइड्रेट वाइट ओनियन इन ऑल ओवर द वर्ल्ड। बिकॉज़ हमारा 80 या 85,000 मेट्रिक टन के हिसाब से पर ईयर का एक्सपोर्ट है। ओनली वाइट ओनियन।
26:03
तो वी आर वन ऑफ़ द लार्जेस्ट वन इन डिहाइड्रेट वाइट अनियन। और सेकंड थिंग जो आपका जो क्वेश्चन है कि भाई कोई मवा वाला है और उसको डिहाइडेड ऑनियन का बिज़नेस करना है तो वह इजी हां वह तो ऑब्वियस चीज़ है क्योंकि उसको महुआ के बारे में तौर तरीके हैं के फ्रेश ओनियन सबसे ज्यादा जो एरिया में आती है वाइट वाइट फ्रेश ओनियन तो वो सबसे ज्यादा महुआ में आती है तो उसकी अवेलेबिलिटी है उसका नॉलेज है उसका पूरा चैनल है वो महुआ में है तो वो तो ऑब्वियस है लेकिन ऐसा नहीं है कि भाई महुआ वाला ही कर सकता है
26:36
आप जो चीज बोल रहे हैं वो प्रोडक्शन साइड की या तो फिर प्रोडक्टिटी की बात करें लेकिन सेल तो मवा में नहीं होता ना। सेल तो पूरे दुनिया में होता है। आप समझ लीजिए कि किसी को बिजनेस में सबसे जरूरी चीज है वो सेल है।
26:49
तो सेल मैनेज करने के लिए ही सब कुछ करना पड़ता है। इसलिए इजी तो है लेकिन ऐसा नहीं है कि मवा वाले ही कर सकते हैं। राइट? उसको थोड़ी सी हेल्प मिलती है लोकल नेटिव होने की वजह से। अदरवाइज कोई भी कर सकता है। कर सकता है।
26:55
वाले ही कर सकते हैं। राइट? उसको थोड़ी सी हेल्प मिलती है लोकल नेटिव
27:00
होने की वजह से। अदरवाइज कोई भी कर सकता है। कर सकता है। और ये एक ऐसी प्रोडक्ट है कि जिसका
How Manage Storage and Temperature?
27:06
स्टोरेज और टेंपरेचर मैनेज करना सबसे इंपॉर्टेंट होता है कि एक टेंपरेचर में
27:12
रखना है लॉन्ग टर्म के लिए रखना है तो और मॉइस्चर भी मेंटेन करना है तो इतने जो आप
27:18
पूरे साल के लिए एक्सपोर्ट करते हो उसका स्टोरेज कैसे मेंटेन करते हो?
27:23
नहीं वो क्या होता है कि महुवा के अंदर पूरा एक फैसिलिटीज है कोल्ड स्टोरेज की।
27:29
करीबन 70 से भी ज्यादा कोल्ड स्टोरेज महुआ में होंगे। तो उसके हिसाब से कोल स्टोरेज
27:34
का जो टेंपरेचर होता है वो 10° के आसपास होता है। प्लस 10° तो उसके अंदर हमारा का जो कार्गो रहता है
27:43
वाइट अनियन का जो प्रोडक्ट्स वो उसको में रखते हैं। तो उसमें मेरे ख्याल से एक डेढ़ साल तक कुछ
27:49
नहीं होता। अच्छे से रहती है। और आपको क्या लगता है कि इंडिया अभी ये
India Will Compete China in Onion and Garlic?
27:54
अनियन एंड गार्लिक डिहाइड्रेशन के एक्सपोर्ट में चाइना को कमपीट कर पा रहा है पूरी तरह से? नहीं मैंने जैसे आपको
28:01
पहले बताया ना अनियन मार्केट में तो चाइना से भी तीन चार गुना हमारा एक्सपोर्ट है
28:06
अनियन में गार्लिक के अंदर चाइना वर्ल्ड नंबर वन है गार्लिक में करीबन 4 लाख टन के
28:12
आसपास उसका चाइना का एक्सपोर्ट होता होगा और इसके हिसाब से अंदर इंडिया का एक्सपोर्ट है वो 35 30 35000 मेट्रिक टन
28:20
है पर ईयर तो चाइना के 10% भी नहीं है गार्लिक के अंदर हम लेकिन अनियन में तो हम
28:27
आगे ही है और दूसरी चीज कि हम गार्लिक में चाइना को कमट नहीं कर सकते क्योंकि गार्लिक के अंदर चाइना का जो फ्रेश
28:34
गार्लिक है उसका हाइब्रिड होता है। उसका साइज भी बड़ा होता है और वहां का जो उसने
28:41
एक टेक्निक डेवलप की है। उसकी वजह से उसका गार्लिक का प्रोडक्शन भी ज्यादा है और 90%
28:47
एक्सपोर्ट पूरी दुनिया में चाइना ही गार्लिक में करती है। तो वो गार्लिक में
28:53
पहुंचना तो थोड़ा डिफिकल्ट है लेकिन अनियन में तो ऑलरेडी कर ऑलरेडी वी आर देयर
28:59
ओके और आप गॉड में काफी बिलीफ रखते हो तो उससे क्या आपको बिजनेस डिसीजन लेने में
With God’s Belief It’s Benefit in Business To Take Decision?
29:05
हेल्प मिलती है पक्का वो तो सही बात ही है ना हमारी तो श्रद्धा भगवान से ही कोई भी काम चालू होता
29:12
है और क्या होता है कि मेरा तो बीएपीएस संस्था से जुड़ाव रहा है तो प्रमुख स्वामी
29:19
महाराज का जो जीवन था वो भी मैंने ने जीवन चरित्र पढ़ा है। साथ दर्शन किए हैं और
29:24
उसका आशीर्वाद बहुत लिया है। महंत स्वामी महाराज का भी समझ लीजिए ना कि साल में दो चार बार मैं उसके आशीर्वाद लेता रहता हूं।
29:31
आध्यात्म एक ऐसी चीज है जो हमें भीतर से मजबूत करती है। उसका कारण क्या है कि
29:37
आध्यात्म नहीं होगा तो क्या होता है कि हमारा जो बिजनेस है उसके अंदर कोई ऐसा चीज
29:42
तो होती नहीं है कि हर बार और सभी चीजें अच्छी हो और हम स्ट्रेट भी अच्छे ही अच्छे
29:48
ही जाए और हर बार प्रॉफिट ही करते रहे। कभी लॉस हुआ कोई प्रॉब्लम हुआ तो उस टाइम हमारा जो हमारा आध्यात्म है या तो भगवान
29:56
में हमारी श्रद्धा है उस उसका जो बेनिफिट है हमें बहुत मिलता है हमें स्टेबिलिटी देता है हमें ऐसा कभी कोई हुआ है तो हम
30:03
सोचते हैं कि भाई भगवान की जो भी मर्जी होगी उसके हिसाब से चलेगा इस बार नहीं हुआ तो अगले बार हो जाएगा तो वो वो तो मैं
30:12
100% बिलीव करता हूं कि बिना भगवान की प्रार्थना पूजा किए बिना तो कुछ आगे बढ़ता
30:17
ही नहीं है हम और वो काफी काफी पेशेंस भी मिलता है कि आप लॉन्ग टर्म तक सस्टेन कर पाओ। उसकी वजह से
30:24
स्टेबिलिटी मिलती है ना हमें क्या होता है कि जब हमें कोई चीज के अंदर लॉस हुआ या तो
30:31
फेलोर हुए उसके पीछे हमें ये दुख नहीं होगा। उसको हम क्या सोचेंगे कि भाई नहीं कोई बात नहीं हुआ तो अगली बार फिर उठ के
30:38
खड़े होंगे। फिर मेहनत करेंगे फिर आगे बढ़ेंगे। अदरवाइज क्या हो गया कि हमारा कोई अंदर से ही सपोर्ट नहीं होगा। हमें
30:47
भगवान में भरोसा नहीं होगा तो क्या होगा कि भाई हम एक बार गिर गए तो वापस खड़ा होना बहुत मुश्किल है
How Manage Conflict Between Values and Business?
30:53
और ये 120 करोड़ का बिजनेस रन करना कोई इजी काम नहीं है तो आपका जो यह एक गॉड
31:01
साइड है स्पिरिचुअल साइड है तो कभी ऐसा हुआ कि बिजनेस डिसीजन एंड ये वैल्यू के
31:07
बीच में क्फ्लिक्ट हुआ हो आपको हां मैडम वो तो क्या होता है कि भाई कई सारी बार क्या होता है कि हमारा काम पूरा
31:15
एथिक्स से चलता है कि हमारा पूरा क्या होता है कि भाई जो भी चीज बोलते हैं वही
31:21
कस्टमर को दे तो उसके बारे में क्या होता है कि कभी कंपटीशन में हम पीछे रह जाते
31:26
हैं ऐसा होता है लेकिन वो थोड़े दिन के लिए लेकिन जो लंबा वक्त के लिए जाओगे तो
31:31
हम हमारे जो हमारे रूल्स रेगुलेशन है या तो हमारा जो एथिक्स है उसकी वैल्यू है कि
31:37
भ हम जो जिसमें बिलीव करते हैं कि नहीं भाई हमें 100% देना है क्वालिटी देना है
31:43
और ऑन टाइम डिलीवरी है कमिटमेंट कि भाई प्राइस ऊपर हो गया और डिलीवरी नहीं की कम
31:49
हुआ ज्यादा हुआ जो आध्यात्म की वजह से हमें ऐसा होता है कि भाई चलो हम ऐसा
31:54
कमिटमेंट में पक्का रहते हैं उसकी वजह से हमें लॉस होता है लेकिन वो लॉस वन टाइम का होता है। फिर आगे बढ़ के आप जो भी कंपनी
32:02
या तो जो भी कस्टमर के साथ आप काम करते हैं उसको पूरा भरोसा होता है कि भाई ये
32:08
कंपनी है वो बहुत एथिक्स वाली है। अच्छी कंपनी है। उसकी क्वालिटी, कमिटमेंट, वो
32:14
सर्विस वो ऑन टाइम होगा। ऊपर नीचे मार्केट हुआ तो उसके साथ हमें कोई बिनेस में प्रॉब्लम नहीं होगा। तो मैं सोच रहा होगा
32:21
कि वैल्यूस और एथिक से पहले हमें ऐसा लगता है कि भाई हमें थोड़ा बहुत नुकसान है।
32:26
लेकिन लॉन्ग टर्म के लिए बेनिफिट ही है। एक स्ट्रांग ट्रस्ट बिल्ड हो जाता है उसकी
32:32
वजह से। हां। सभी लोगों को आपकी कंपनी पे भरोसा रहता है कि भाई नहीं ये आदमी है या तो ये
32:38
कंपनी है उसका एथिक्स के अंदर वो कोई 1920 नहीं करेंगे तो वो तो पक्की ही चीज है।
32:45
ग्रेट ग्रेट और आप काफी सारे कंट्री में रेगुलर विजिट करते हो। ऑलमोस्ट सारे
32:53
एग्बिशन अटेंड करते हो। तो जब इंटरनेशनलली आप ट्रैवल करते हो तो आप आपको एज ए बिजनेस
32:59
ओनर क्या बेस्ट सीखने को मिलता है अदर कंट्रीज से?